चीन ने बनाया ब्लैकआडट बम, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को कर देगा ठप 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनियाभर में युद्ध का रूप बदल रहा है। सभी देश अपने दुश्मनों पर हमला करने के लिए नए-नए हथियारों की खोज कर रहे हैं। अब चीन ने दुनिया को अपने नए ब्लैकआउट बम की तस्वीर दिखा दी है। यह हमला करते ही पूरे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ठप कर देगा। ऐसे में यह बम कई देशों के लिए चुनौती बन सकता है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध ने दिया सबक 


रूस-यूक्रेन युद्ध दुनिया को कई सबक दे रहा है। इस युद्ध में जिस तरह यूक्रेन ने बेहद सस्ते ड्रोन से रूस के युद्धक विमान तबाह किए वह वाकई में हैरान करने वाला था। अपनी नापाक चाल के लिए मशहूर चीन ने भी कुछ ऐसी ही चाल चली है। चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसा बम तैयार किया है, जिसके बारे में कहा गया गया है कि यह बिजलीघरों को नष्ट कर सकता है। यह एक ग्रेफाइट बम है। इसके हमले के बाद तय किए गए टारगेट वाले इलाके में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह खत्म हो जाती है। चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बम का वीडियो साझा किया गया है। एनिमेटेड वीडियो में हथियार को जमीन पर तैनात एक वाहन से लांच किया जा रहा है। बता दें कि चीनी सरकारी टीवी ने इस हथियार के नाम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
10,000 वर्ग मीटर को प्रभावित करेगा बम


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार  यह हथियार 10,000 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यानी बिजली को काटकर पूरी तरह ब्लैकआउट कर सकता है। इससे किसी भी देश की कमान और नियंत्रण प्रणाली बाधित हो जाएगी। चीनी सरकारी मीडिया ने इस हथियार को घरेलू रूप से निर्मित एक रहस्यमयी मिसाइल बताया है। फिलहाल अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी हथियार विकास के किस चरण में पहुंच गया है। रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया गया है कि चीनी सेना में इसे कब और कैसे तैनात किया जाएगा।
90 सबम्यूनिशन मचाते हैं तबाही


सोशल मीडिया एक्स पर जारी वीडियो में इस बम के बारे जानकारी दी गई है। जिसमें दिखाया गया है कि हथियार के लॉन्च होते ही सिंलिंडर के आकार के 90 सबम्यूनिशन बाहर निकलते हैं। ये कनस्तर जमीन में गिरने के बाद उछलते हैं। इसके बाद इसमें विस्फोट हो जाता है। साथ ही यह हाई वोल्टेज बिजली के बुनियादी ढांचे को शॉर्ट सर्किट करने में कामयाब हो जाता है। इस बम को खास तरह से डिजाइन किया गया है। इसमें महीन, रासायनिक रूप से उपचारित कार्बन फिलामेंट लगाए गए हैं। यह सभी विस्फोट के साथ ही बिखर जाते हैं। इसके बाद ये कार्बन फिलामेंट दुश्मन के बिजलीघर को बर्बाद कर देते हैं।

पीएलए नहीं देती सूचना


बता दें कि चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने हथियारों के बारे में बेहद कम जानकारी उपलब्ध कराती है। ऐसे में ग्रेफाइट बमों की मौजूदगी के बारे में कम रिपोर्ट है। 2017 में मॉडर्न शिप्स मैगजीन के संपादक चेन वुंडी ने इस बारे में टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि ग्रेफाइट बमों के जरिए चीन भविष्य के युद्धों में अपरंपरागत हथियार का इस्तेमाल कर सकता है। बता दें कि ऐसे बमों का इस्तेमाल अमेरिकी सेना लंबे समय से कर रही है। इराक में ग्रेफाइट वॉरहेड से हमला किया गया था। इसके बाद रैस टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों ने नेशनल ग्रिड के 85 प्रतिशत हिस्से को निष्क्रिय कर दिया था। जिससे सैन्य कमान, वायु रक्षा और सरकारी संस्थान अंधेरे में डूब गए थे। बता दें कि चीन के बम की रेंज रेंज 290 किलोमीटर और इसका वारहेड 490 किलोग्राम वजन का है।