जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। धरती को लेकर वैज्ञानिकों ने बेहद चौंकाने वाली जानकारी दी है। एक ब्रह्मांडीय घुसपैठिया धरती के लिए खतरा बन सकता है। इसकी वजह हमारी पृथ्वी सोलर सिस्टम से बाहर हो सकती है। इस जानकारी ने दुनिया भर के शोधकर्ताओं को हैरान कर दिया है।
वैज्ञानिकों ने धरती के लिए की भविष्यवाणी
अक्सर धरती के पास से कोई न कोई उल्कापिंड गुजरता रहता है। उसको लेकर वैज्ञानिक भविष्यवाणी भी करते हैं यह धरती के लिए खतरा बन सकता है। इस बार वैज्ञानिकों ने धरती के लिए जो भविष्यवाणी की है वह न केवल चौंकाने वाली बल्कि ब्रह्मांडीय उलटफेर का बड़ा कारण बन सकती है। नए खगोलीय शोध की रिपोर्ट ने हमारी पृथ्वी और पूरे सौरमंडल की स्थिरता को लेकर अप्रत्याशित आशंकाएं बढ़ा दी हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मांड में पृथ्वी के पास से गुजरता हुआ कोई तारा उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण गंभीर खतरा बन सकता है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अपने गुरुत्वाकर्षण से यह तारा पृथ्वी को अपनी ओर खींच सकता है। जिससे पृथ्वी सौर मंडल से बाहर हो जाएगी। बता दें धरती के सौरमंडल में रहने के कारण ही यहां जीवन है। दिन-रात और मौसम परिवर्तन की प्रकिया होती है। अगर ऐसा हुआ तो यह पूरी पृथ्वी के विनाश का कारण बन सकता है।
स्थिर नहीं है पृथ्वी का भविष्य
वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी का भविष्य उतना स्थिर नहीं जितना हम सोचते हैं। शोध के अनुसार पृथ्वी के पास से गुजरने वाला तार न केवल धरती को प्रभावित करेगा बल्कि उसकी गुरुत्वाकर्षणीय ताकत अन्य ग्रहों की कक्षाओं को हिला सकती है। इससे न केवल ग्रहों की टक्कर हो सकती है, बल्कि पृथ्वी सूर्य में समा सकती है या सौरमंडल से बाहर फेंकी जा सकती है। इकारस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में हजारों कंप्यूटर सिमुलेशन के आधार पर दावा किया गया है कि सौरमंडल की स्थिरता पहले समझे गए अनुमानों से कहीं अधिक कमजोर है।
सूर्य के बराबर द्रव्यमान वाला तारा
शोधकर्ताओं के अनुसार पृथ्वी के पास गुजरने वाला तारा हमारे सूर्य के बराबर द्रव्यमान वाला होगा। उसके गुरुत्वीय प्रभाव से ऊर्ट क्लाउड में हलचल मच सकती है। जो तरंग के रूप में अंदर की ओर आएगी और ग्रहों की कक्षाओं में गड़बड़ी कर सकती है। बता दें कि ऊर्ट क्लाउड हमारे सौर मंडल के चारों ओर एक विशाल गोलाकार बादल है जो बफीर्ले पिंडों से बना है। यह सूर्य से बहुत दूर स्थित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह लंबी अवधि वाले धूमकेतुओं का स्रोत है। हालांकि तारकीय गति को रोका नहीं जा सकता, लेकिन वैज्ञानिक कुछ सैद्धांतिक समाधान तलाश रहे हैं।
दुष्ट तारे की अप्रत्याशित गति
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के सौर मंडल से बाहर होने की वजह एक दुष्ट तारे की अप्रत्याशित गति होगी। ये एक ब्रह्मांडीय घुसपैठिया है जिसके चलने की कोई तय तरीका नहीं है। पृथ्वी के सौर मंडल से बाहर होने की वजह एक दुष्ट तारे की अप्रत्याशित गति है। बता दें कि आकाशगंगा में तारों की भरमार है। इनमें से कुछ धरती के बेहद करीब से गुजरते हैं। वहीं कुछ महत्वहीन होते हैं लेकिन ये ग्रहों को अपनी जगह पर बनाए रखने वाले गुरुत्वाकर्षण संतुलन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। बता दें कि सौर मंडल में धरती को कई खतरे हैं। यदि कोई बड़ा क्षुद्रग्रह जैसे 10 किलोमीटर चौड़ा पृथ्वी से टकराए तो तो यह विनाशकारी हो सकता है। अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण वाला कोई बड़ा ग्रह इसके पास से गुजरे तो भी खतरनाक हो सकता है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां ऐसे खतरों की निगरानी करती रहती हैं।