6200 मीटर की गहराई में मिले चार रहस्यमय काले अंडे, वैज्ञानिक भी हैं हैरान

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रशांत महासागर की अथाह गहराइयों में वैज्ञानिकों को कुछ ऐसा मिला है, जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। 6200 मीटर की गहराई में चार रहस्यमय काले अंडे मिले हैं। ये अंडे एक चट्टान से चिपके हुए थे। इन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे ये सदियों से किसी राज को छुपाए बैठे हों। इतनी गहराई में ऐसी खोज को किसी अजूबे से कम नहीं माना जा रहा है।
स्पेस के अपेक्षा समुद्र में जाना कठिन

स्पेस में वैज्ञानिक लगातार तरक्की कर रहे हैं। वैज्ञानिक ग्रहों पर कालोनियां बसाने की प्लानिंग कर रहे हैं। वहीं समुद्र के नीचे की खोज वैज्ञानिक नहीं कर पा रहे हैं। इसके पीछे कई कारण माने जाते हैं। एक्सपर्ट ये बात मानते हैं कि समुद्र की गहराई को मापना अंतरिक्ष में जाने से कहीं ज्यादा रहस्यों से भरा और कई गुना ज्यादा खतरनाक है। अब प्रशांत महासागर की उन अथाह गहराइयों में, जहां सूरज की एक किरण भी नहीं पहुंच पाती, वहां वैज्ञानिकों ने बड़ी खोज की है। 6200 मीटर यानी 20341 फीट की गहराई में उन्हें चार रहस्यमय काले अंडे मिले हैं। इनको देखकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
समुद्र के भीतर रहस्यमय खोज

 
बता दें कि समुद्र में इस रहस्यमय खोज को जापान के वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया है। टोक्यो और होक्काइडो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह सफलता हासिल की है। वे एक आरओवी यानी रिमोट से चलने वाली पानी के अंदर की मशीन का प्रयोग कर रहे थे। इसी दाैरान समुद्र के एबिसोपेलाजिक जोन में उनकी नजर इन अजीबोगरीब अंडों पर पड़ी। इस खोज को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि समुद्र के इस हिस्से में रहने वाले जीवों के बारे में बहुत कम जानकारी है। इन अंडों को देखने के बाद टोक्‍यो यूनिवर्सिटी के समुद्री रिसर्चर यासुनोरी कानो ने इन्हें बाहर निकालने का फैसला किया। इस कोशिश में ज्यादातार अंडे टूट गए, लेकिन चार अंडे सही-सलामत बचे रहे। बाहर निकालने के बाद इन अंडों को होक्काइडो यूनिवर्सिटी के बायोलॉजिस्ट्स के पास भेजा गया।
अंडों की जांच में हैरान करने वाली जानकारी 

जब इन अंडों की जांच हुई तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। ये काले अंडे चपटे कृमियों के कोकून निकले। बता दें क कोकून, एक ऐसा खोल जिसमें कीड़े पलते हैं। होक्काइडो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कीइची काकुई ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी भी चपटे कृमियों के कोकून नहीं देखे थे। यह पहली बार है जब समुद का बड़ा रहस्य सामने आया है। डीएनए टेस्ट से पता चला कि ये चपटे कृमि प्लैटीहेल्मिन्थ फाइलम की एक ऐसी प्रजाति के हैं, जिसके बारे में पहले कभी वर्णन नहीं किया गया था। इसका मतलब है कि वैज्ञानिकों ने एक नई समुद्री जीव प्रजाति की खोज कर ली है। रिसर्च पेपर में ये भी कहा गया है कि इतनी गहराई में मिलने के बावजूद, ये चपटे कृमि उथले पानी में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से बहुत ज्यादा अलग नहीं दिखते।
अनसुलझे रहस्यों से भरे हैं महासागर

बता दें कि हमारी धरती पर मौजूद महासागर आज भी कई अनसुलझे रहस्यों से भरे हैं। पानी में रहने वाली हर एक प्रजाति के बारे में जानना लगभग नामुमकिन है। ऐसे में प्रशांत महासागर की इन अथाह गहराइयों में इन काले अंडों की खोज यह बताती है कि समुद्र ने अपने अंदर बहुत कुछ छिपा रखा है जिसके बारे में लगातार खोज की जरुरत है। जिस जगह पर इन अंडों की खोज हुई है वह काफी खतरनाक मानी जाती है। यहां सूर्य की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती है। पानी के भीतर यह जगह काले अंधकार से घिरी है। वुड्स होल ओशनग्राफिक के मुताबिक समंदर की औसत गहराई करीब 12 हजार फीट है। वहीं इसके सबसे गहरे हिस्से को चैलेंजर डीप कहते हैं। ये जगह प्रशांत महासागर नीचे मारियाना ट्रेंच के दक्षिणी छोर पर है।