जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। खगोलविदों ने अंतरिक्ष में 49 प्रकाश वर्ष लंबा एक कॉस्मिक बवंडर खोजा है। यह अब तक का सबसे विशाल घूमता हुआ स्ट्रक्चर है। इसमें सैकड़ों गैलेक्सीज एक अदृश्य धागे में फंसकर 110 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चक्कर लगा रही हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज बताती है कि कॉस्मिक वेब का अदृश्य जाल कैसे पूरे ब्रह्मांड को कंट्रोल करता है।
ब्रह्मांड में अनोखी खोज
वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में एक खोज की है जिसने खगोलविदों की नींद उड़ा दी है। यह अध्ययन अंतरिक्ष में किया गया है। इसमें देखा गया है कि गैलेक्सी में एक महाविशाल बवंडर घूम रहा है। यह कोई छोटा-मोटा तूफान नहीं है। इसकी लंबाई इतनी है कि हमारा दिमाग उसे सोच भी नहीं सकता। यह स्ट्रक्चर करीब 49 प्रकाश वर्ष लंबा है। यह अब तक का खोजी गई सबसे बड़ी संरचना मानी जा रही है। इस बारे में वैज्ञानिकों ने इसे एक लंबी रस्सी माना है। उनके अनुसार यह लंबी रस्सी अंतरिक्ष में किसी बवंडर की तरह घूम रही है। इस रस्सी में सैकड़ों गैलेक्सीज फंसी हुई हैं। यह खोज आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की है। इस खोज ने फिजिक्स के कई पुराने सवालों को हिलाकर रख दिया है। यह खोज बताती है कि ब्रह्मांड में कुछ अदृश्य ताकतें हैं जो गैलेक्सीज को कठपुतली की तरह नचा रही हैं।
विशाल स्ट्रक्चर को समझना मुश्किल
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस विशाल स्ट्रक्चर को समझना आम आदमी के लिए काफी मुश्किल है। आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की फिजिस्ट लाइला जंग ने इसे बहुत आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है। उन्होंने इसकी तुलना डिज्नीलैंड या किसी मेले में मिलने वाले टी-कप राइड से की है। जंग का कहना है कि इस टी-कप झूले में कई प्याली लगी हैं। जब झूला घूमता है तो उसके पीछे अन्य प्यालियां घूमने लगती हैं। यह अंतरिक्ष का बवंडर भी ऐसा ही है। इसमें मौजूद हर गैलेक्सी अपनी धुरी पर घूम रही है। जिस कॉस्मिक फिलामेंट यानी ब्रह्मांडीय धागे से ये जुड़ी हैं वह धागा खुद भी एक बवंडर की तरह घूम रहा है। यह डबल मोशन वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य है। इस खोज ने कॉस्मिक वेब के रहस्य को और गहरा दिया है। बता दें कि कॉस्मिक वेब ब्रह्मांड का एक अदृश्य कंकाल है। यह डार्क मैटर के अनगिनत धागों से बना है। ये धागे हमें दिखाई नहीं देते लेकिन इनकी ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण इतनी ज्यादा होती है कि ये पूरे ब्रह्मांड को बांधे रखते हैं। ये फिलामेंट्स अंतरिक्ष के हाईवे की तरह हैं। गैलेक्सीज इन्हीं रास्तों पर चलती हैं और इकट्ठा होती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज ब्रह्मांड के उन रहस्यों से पर्दा उठाएगी जिससे आज तक दुनिया अंजान थी। बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड कैसे बना और फैला यह समझने के लिए इन धागों को समझना बहुत जरूरी है। अब तक वैज्ञानिक मानते थे कि ये धागे स्थिर हो सकते हैं। 49 प्रकाश वर्ष लंबे इस स्ट्रक्चर का घूमना बताता है कि ब्रह्मांड में उथल-पुथल मची हुई है।
मीरकैट रेडियो टेलीस्कोप से खोज
इस खोज की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका के मीरकैट रेडियो टेलीस्कोप से हुई। वैज्ञानिकों की टीम स्काई सर्वे के डेटा का अध्ययन कर रही थी। तभी उनकी नजर पृथ्वी से करीब 140 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक अजीब घटना पर पड़ी। ब्रह्मांड के हिसाब से यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं है। इसे पड़ोस ही माना जाता है। वहां उन्हें 14 गैलेक्सीज एक सीधी रेखा में दिखाई दीं। यह रेखा रस्सी की तरह पतली थी। इसकी लंबाई करीब 5.5 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर थी। अजीब बात यह थी कि ये सभी गैलेक्सीज एक ही दिशा में मुंह करके खडी थीं। वैज्ञानिकों को तुरंत समझ आ गया कि यहां कोई बड़ी ताकत काम कर रही है। शक होने पर वैज्ञानिकों ने और गहराई से जांच शुरू की। उन्होंने स्लोन डिजिटल स्काई सर्वे और डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट का डेटा खंगाला। उन्हें उसी सीधी रेखा में 283 और गैलेक्सीज मिलीं।





