धर्मांतरण के खतरनाक खेल की खुल रहीं परतें

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। आगरा में खुले धर्मांतरण के खतरनाक खेल में साजिश की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। इस पूरे नेटवर्क का खुलासा एक मामूली गुमशुदगी की जांच से हुआ। अब चौंकाने वाला सच सामने आ रहा है। गिरोह में शामिल आरोपी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहे थे। दूसरी ओर अलीगढ़ में भी अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का पता चला है। यहां से 97 युवतियों के लापता होने की शिकायत मिली है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
एटीएस की जांच में सामने खुलासा

एटीएस की जांच में सामने आया कि आगरा में धर्मांतरण कराने वाले गिरोह ने अपना एक कोड वर्ड बना रखा है। इसे रिवर्ट के नाम से बोला जाता है। इसका मतलब होता है घर वापसी। जिन लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है, उनके बारे में पहले समाचारपत्र में विज्ञापन दिया जाता है। इसके बाद कोर्ट में अर्जी लगाकर कागजात तैयार करा लिए जाते हैं। एक बार कागजात बनने और निकाह होने के बाद लड़कियों का वापस घर जा पाना मुश्किल हो जाता है। यह जानकारी पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में मिली। बता दें कि पुलिस ने अभी दस लोगों को पकड़ा है। उन्हें दस दिन की रिमांड पर लिया गया है। 
व्यस्क युवतियों को बनाता था निशाना

पुलिस की पूछताछ में यह भी पता चला कि गिरोह व्यस्क युवतियों को अपने जाल में फंसाता था। जिससे उन्हें ले जाने में किसी तरह की अड़चन न आए। वह कोर्ट में भी खुद को बालिग दर्शा सकती हैं। धर्म बदलने के लिए वह स्वतंत्र होती थीं। दूसरा फायदा यह होता था कि यह लड़कियां अपने संपर्क के लोगों को भी धर्म बदलने के लिए प्रेरित करती थीं। एक बार कोई इस गिरोह में शामिल हो आ जाता था तो वह फिर वापस न चला जाए, इसके लिए काम, घर और पैसा सारी जरूरतों को पूरा कर दिया जाता था। सिर्फ युवतियां ही नहीं, युवक भी धर्मांतरण में शामिल रहते थे।
सोशल मीडिया का लिया सहारा

एटीएस और आगरा पुलिस की जांच में सामने आया है कि अवैध धर्मांतरण सिंडीकेट से जुड़े लोग सोशल मीडिया के अधिकतर प्लेटफॉर्म पर खासा सक्रिय थे। वे हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों का विरोध करते थे। उनके तमाम ऐसे वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं, जो खासे आपत्तिजनक और भड़काऊ हैं। इनमें वह हिंदुस्तान को बर्बाद करने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। एजेंसियों का मानना है कि यह अवैध धर्मांतरण के साथ कट्टरपंथी विचारधारा के प्रचार-प्रसार की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। आरोपियों के पास से मिले संदेशों में कई मंदिरों का जिक्र भी है, जिन्हें मुस्लिम आक्रांताओं ने ध्वस्त किया था।  पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि वीडियो देखे जा रहे हैं। यह कब और कहां बनाए गए हैं? इसकी पड़ताल के लिए टीम लगी है।
यूपी के अलीगढ़ में भी खुलासा

आगरा अवैध धर्मांतरण का नेटवर्कयूपी के अलीगढ़ में भी काम कर रहा था। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, इस गैंग ने कथित तौर पर 97 महिलाओं को अपने जाल में फंसाया। ये सभी लापता बताई जा रही हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुफिया एजेंसियां और उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टीमें जांच में जुट गई हैं। यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब आगरा से उमर गौतम को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि उमर गौतम ने अलीगढ़ में भी धर्मांतरण का नेटवर्क फैला रखा था। बता दें कि अलीगढ़ के सदर थाने में दो सगी बहनों के लापता होने की शिकायत मार्च 2025 में दर्ज की गई थी। सूत्रों के अनुसार, दोनों बहनों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह गैंग सोशल मीडिया, डार्क वेब, और विभिन्न मोबाइल ऐप्स के जरिए युवतियों को निशाना बनाता था। गैंग के सदस्य पहले युवतियों को प्रेम जाल में फंसाते हैं। इसके बाद उनका ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करते थे। इस नेटवर्क का संचालन इतना गुप्त था कि पुलिस की विभिन्न टीमें भी एक-दूसरे की गतिविधियों से अनजान थीं। गैंग के तार कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठनों जैसे पीएफआई, सिमी, और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के संकेत मिले हैं।