संवाददाता, नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में ऐसे फर्जीवाड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। जिसके बारे में जानकार आप चौंक जाएंगे। थाना एक्सप्रेसवे नोएडा पुलिस ने इस बड़े गैंग का खुलासा किया है। इंटरनेशनल फ्रॉड रैकेट में चीनी नागरिक के शामिल होने के कारण मामला गरमा गया है। कई एजेंसियां इस फर्जीवाड़े की जांच में जुट गई हैं। गैंग के सदस्य 20 हजार रुपये में बैंक एकाउंट किराए पर लेकर फर्जीवाड़े का खेल करते थे। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये फ्रॉड के लिए आरोपियों को बैंक अकाउंट और भारतीय सिम उपलब्ध कराने वाले इंटरनैशनल रैकेट का हिस्सा थे। चीनी नागरिक ने दुबई के साथ नोएडा में ठिकाना बनाया हुआ था। वह बिजनेस वीजा पर यात्रा कर रहा था। एक्सप्रेसवे थाना पुलिस की तरफ से की गई इस कार्रवाई की जानकारी डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्रा ने दी। डीसीपी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर एसीपी शैव्या गोयल की अगुवाई में टीम बनाकर छापेमारी की गई। टीम ने 5 व्यक्तियों को पकड़ा। इनकी पहचान चीन की सांग कांग सिटी निवासी झू जुनकाई के रुप में हुई है। वहीं हिमाचल के त्सेरिंग धोन्दुप, लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी भी इस गैंग का हिस्सा है। बता दें कि टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग धोन्दुप मूलरूप से तिब्बत के निवासी हैं। विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि चीनी नागरिक के पकड़े जाने और सिम कार्ड विदेश भेजे जाने के इनपुट पर एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। अभी कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। इनमें ठगी करने का तरीका शामिल है। पुलिस ने इनके कब्जे से 223 सिम, 114 खाली सिम कार्ड रेपर), 21 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 7 आधार कार्ड बरामद किया है। वहीं 9 डेबिट कार्ड, 2 पासबुक, 5 चेकबुक, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और वीजा भी मिला है। पुलिस को इनके पास से किराये के 20 बैंक अकाउंट भी मिले हैं। यह बैंक अकाउंट अलग-अलग रेहड़ी पटरी दुकानदारों के हैं। बता दें कि इन आरोपियों द्वारा लाए जाने वाले सिम कार्ड का उपयोग कॉलिंग के लिए नहीं किया जाता था। इनसे ठगी के दौरान वॉट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म से ओटीपी लेने का काम होता था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए यह ठगी की जाती थी। पुलिस के अनुसार इस रैकेट के सभी गुर्गों का काम बंटा हुआ था। कृष्ण मुरारी मेला और बाजार लगवाता है। ऐसे में छोटे दुकानदारों से संपर्क कर वह उनका अकाउंट किराये पर लेता था। सेविंग अकाउंट के लिए एक ट्रांजैक्शन पर 2 हजार तो करंट अकाउंट के लिए 20 हजार रुपये किराया तय था। यह मूलरूप से बिहार का निवासी है इसलिए बिहार से भी कई बैंक अकाउंट इस तरह किराये पर लिए थे। कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी सिम कार्ड टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग को देते थे। टेलीग्राम पर जैसे ही ठगों से आॅर्डर मिलता था उन्हें बैंक खाते और सिम मुहैया करा दिए जाते थे। इसे ठगी के साथ भारत को बदनाम करने की साजिश भी माना जा सकता है। यानी ठगी किसी भी देश में होगी तो नाम भारत का आएगा क्योंकि सारे सिम और बैंक खाते भारतीय हैं।
नोएडा पुलिस ने किया बड़ी साजिश का खुलासा, इंटरनेशनल फ्रॉड रैकेट में चीनी नागरिक शामिल
01-Jun-2024