जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। यूपी के चंदौली में मुस्लिम परिवार ने मिसाल पेश की। उसकी जमीन की नींव खुदाई के दौरान शिवलिंग मिलने से पूरे गांव में सनसनी फैल गई। सावन का पवित्र महीना होने से सुबह यह स्थान पूजा-पाठ और जलाभिषेक का केंद्र बन गया। हालात को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी है। वहीं मुस्लिम परिवार ने भी अपनी जमीन मंदिर को दान देने का फैसला कर लिया।
अचानक मिट्टी के भीतर से निकला गोल पत्थरनुमा
सावन का पवित्र महीना चल रहा है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। आज श्रद्धा-उल्लास और भक्ति के साथ पूरे देश में नागपंचमी का त्यौहार भी मनाया जा रहा है। श्रद्धालु नाग देवता को दूध के साथ पकवान का भोग लगा रही है। इसी बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और सामाजिक सौहार्द की एक मिसाल बन गई है। बता दें कि धपरी गांव निवासी सकलैन हैदर ने अपनी पुश्तैनी जमीन का एक हिस्सा अपने रिश्तेदार अख्तर अंसारी के नाम कर दी थी। यह भूमि जमीन कुल 11 बिस्वा में फैली हुई है। वाराणसी के रहने वाले अख्तर अंसारी ने दो दिन पहले इस जमीन की चारदीवारी के लिए नींव की खुदाई शुरू करवाई थी। 25 जुलाई की शाम जब मजदूर खुदाई कर रहे थे, तभी अचानक मिट्टी के भीतर एक गोल पत्थरनुमा आकृति दिखाई दी। पास जाकर देखने पर वह आकृति कोई आम पत्थर नहीं, बल्कि एक शिवलिंग निकला। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई साधारण प्रतीक नहीं, बल्कि एक प्राचीन और पूर्ण शिव प्रतिमा है।
शिवलिंग की खबर फैलते ही लगी भीड़
शिवलिंग की खबर फैलते ही धपरी और आस-पास के गांवों से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गांव की महिलाएं भजन-कीर्तन करने लगीं। वहीं पुरुष जलाभिषेक में जुट गए और पूरा माहौल श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हो गया। स्थिति की संवेदनशीलता को समझते हुए प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया। इस दौरान जब ग्रामीणों ने मांग की कि जहां शिवलिंग मिला है वहीं मंदिर बनाया जाए। इस पर सकलैन हैदर और उनके परिवार ने बिना किसी विवाद या बहस के यह निर्णय लिया कि वे अपनी जमीन में से एक बिस्वा भूमि मंदिर निर्माण के लिए दे देंगे।
स्वैच्छा से जमीन देने का फैसला
सकलैन हैदर का कहना है कि मैं इसी गांव का रहने वाला हूं। मेरे पूर्वज भी यहीं रहते थे। हमारे घर के पास इमामबाड़ा भी है। जब हमें पता चला कि हमारी जमीन में शिवलिंग निकला है, तो हमने परिवार से बातचीत की और तय किया कि एक बिस्वा जमीन हम मंदिर के लिए देंगे। यह हमारी आस्था और भाईचारे से जुड़ा निर्णय है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। विधायक के समक्ष भी सकलैन हैदर ने खुले मंच से घोषणा की कि वे अपनी स्वेच्छा से यह जमीन मंदिर निर्माण हेतु दान दे रहे हैं। इसके बाद क्षेत्रीय प्रशासन ने मौके पर नाप-जोख की कार्रवाई शुरू कर दी।
जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क
दूसरी ओर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। शिवलिंग की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है। एसडीएम, सीओ समेत स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा भी ले रहे हैं। ग्रामीणों ने भी प्रशासन को भरोसा दिलाया है कि यहां सौहार्द बना रहेगा और किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होगा। गांव के निवासियों का कहना है कि सभी लोग इस त्याग की भावना का सम्मान करते हैं। शिवलिंग की आकृति बहुत अद्भुत है। ऐसा लगता है मानो यह बाबा बैजनाथ के स्वरूप से जुड़ी कोई पौराणिक मूर्ति हो। यहां पर हजारों श्रद्धालु ने बाबा को जल अर्पित किया है।