बदायूं में खुदाई के दौरान मिला 300 साल पुराना पंचमुखी शिवलिंग 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। बदायूं में खुदाई के दौरान पंचमुखी शिवलिंग मिला है। इसके 300 साल से धरती के नीचे दबे होने का दावा किया जा रहा है। सावन के पवित्र महीने में अद्भुत शिवलिंग मिलने से दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
सावन के महीने में यूपी के बदायूं में चमत्कार 

सावन के महीने में यूपी के बदायूं में चमत्कार हो गया। यहां खुदाई के दौरान पंचमुखी शिवलिंग मिला है। इसके बाद आसपास के गांवों से लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी पुलिस और राजस्व कर्मियों की तैनाती की है। यह शिवलिंग दातागंज तहसील के सराय पिपरिया गांव में एक तालाब की खुदाई के दौरान लगभग छह फीट नीचे मिला। संगमरमर का यह अवशेष तब सामने आया जब एक बुलडोजर ने जमीन में खुदाई की। खुदाई के दौरान शिवलिंग मिलने से क्षेत्र में उत्सुकता और श्रद्धा का माहौल है। पापड़ ब्रह्मदेव मंदिर के महंत परमात्मा दास महाराज ने दावा किया कि शिवलिंग लगभग 300 साल पुराना है।
शिप्रा पाठक के नेतृत्व में खुदाई

बता दें कि सराय गांव में पर्यावरण की अलख जगाने के लिए संत समाज एकत्रित हुआ है। यहां वाटर वूमेन के नाम से प्रसिद्ध पर्यावरणविद् शिप्रा पाठक के नेतृत्व में 13 एकड़ भूमि पर खुदाई चल रही थी। यहां कमल की खेती की जाएगी। यहां तालाब के अलावा पंचतत्व पौधशाला और एक विशाल बाग की भी स्थापना की जाएगी।  इस दौरान 6 फीट नीचे प्राचीन पंचमुखी शिवलिंग निकला। शिवलिंग मिलने की सूचना आस-पास के गांवों तक पहुंच गई। देखते ही देखते कई गांव के बच्चे बूढ़े युवा और महिलाएं भी दर्शन के लिए उमड़ पड़े। इसके साथ ही पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी। वहीं, मौके पर उपस्थित संतों ने हवन पूजन किया। इस  दौरान मंदिर परिसर में बम-बम भोले के जयकारे लगते रहे। लोगों का कहना है कि यह शिवलिंग बहुत पुराना और अद्भुत है।  
वाटर वुमन शिप्रा पाठक का बयान

वाटर वुमन शिप्रा पाठक ने कहा कि चमत्कार के लिए आस्था होना चाहिए। आस्था सच्ची होती है तो चमत्कार स्वयं होते हैं। भगवान महादेव प्रकट हुए हैं तो यहीं विराजमान किये जायेंगे। पेड़ पौधों को काटने वालो से ज्यादा उनको संरक्षित करने वाले होना चाहिए तभी प्राकृतिक संतुलन होगा। पाठक ने आगे कहा कि तालाब में कमल की खेती से जैव विविधता को सुरक्षा मिलेगी। यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी पुनर्जीवित करेगा। बता दें कि पाठक एक फाउंडेशन चलाती हैं जो हर साल पांच लाख पौधे वितरित करता है। शिप्रा पाठक के पिता और बीजेपी नेता शैलेश पाठक का कहना है कि भक्तों की मांग पर जहां शिवलिंग निकला है वहां भव्य और दिव्य मंदिर बनवाएंगे। इस प्रकार की शिवलिंग मां नर्मदा से प्राप्त होते हैं। दातागंज के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि शिवलिंग के ऐतिहासिक महत्व और उम्र का आकलन करने के लिए पुरातत्व विभाग को बुलाया जाएगा। बता दें कि धार्मिक मान्यताओं में पंचमुखी शिवलिंग का विशेष महत्व होता है। शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है और पंचमुखी शिवलिंग भगवान शिव के पांच रूपों का प्रतिनिधित्व करता है।