भारत में जातिगत आंदोलन चाहता है अमेरिका, ट्रंप के सलाहकार रच रहें साजिश

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। टैरिफ लगाने के बाद भी भारत से भाव न मिलने के बाद ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का पागलपन हद से ज्यादा हो गया है। अब ट्रंप प्रशासन भारत में जातीय हिंसा चाहता है। डॉलर की बादशाहत को बचाने के लिए वह यह साजिश रच रहा है। नवारो ने कहा कि ब्राह्मणों को रूसी तेल की खरीद से फायदा हो रहा है।
पीटर नवारो ने उठाए सवाल


फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि वह पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों खड़े हैं। वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं। बता दें कि रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने वाले अमेरिका का खेल अब धीरे धीरे समझ में आने लगा है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले आरोप लगाया था कि भारत कच्चा तेल खरीदकर रूस को यूक्रेन में जंग लड़ने के लिए फंड कर रहा है। फिर डोनाल्ड ट्रंप के कारोबारी सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन युद्ध को मोदी का युद्ध कहा। उसके बाद नवारो ने कहा कि रूसी तेल से भारत के कुछ कारोबारियों को फायदा हो रहा है। अब पीटर नवारो ने कहा है कि रूसी तेल से भारत के ब्राह्मणों को फायदा हो रहा है।
रूसी तेल से ब्राह्मणों को फायदा


सलाहकार से ऐसे बयान की उम्मीद किसी ने नहीं की थी और इस बयान से साफ पता चलता है कि अमेरिका की मंशा क्या है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि रूसी तेल ब्राह्मणों को फायदा हो रहा है। यह भारतीय जनता की कीमत पर हो रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि किसी भी आर्थिक आलोचना में भारत की जातियों का जिक्र क्यों किया गया है? इसे साधारण बयान हरगिज नहीं समझा जा सकता है। इसके पीछे गहरी राजनीतिक साजिश है। यह साजिश भारत को बांटने की है। जातीय हिंसा भड़काकर वह भारत को बर्बाद करने की साजिश रच रहा है। वह पूरे देश को इस हिंसा की आग में जलाना चाहता है। देखा जाए तो एशिया में अपनी ताकत को कम होते देख पीटर नवारो पागल हो चुका है। ऐसे हर भारतीय नागरिक को चाहिए कि वह नवारो जैसे की गंदी मानसिकता को समझे। 

संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत कर रहें नवारो


सबसे बड़ा सवाल ये है कि ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो जो आए दिन बोल रहे हैं, उनकी स्क्रिप्ट कौन लिख रहा है? आखिर वो कौन है जो भारत में जातीय हिंसा चाहता है? निश्चित तौ पर पीटर नवारो की ये भाषा सिर्फ भारत के रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं है, बल्कि ये भारतीय समाज के भीतर जातीय विभाजन को भड़काना के लिए होगा। वो भारत की राजनीति में आग लगाना चाहते हैं। ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर कोई बाहरी नेता कैसे बोल सकता है। अमेरिकी थिंक टैंक सीएएनएस के इंडो-पैसिफिर एनालिस्ट डेरेक जे ग्रॉसमैन ने पीटर नवारो के इस बयान पर कहा है कि भारत में जातिगत अशांति को बढ़ावा देना कभी भी अमेरिकी विदेश नीति नहीं होनी चाहिए। वहीं द स्किन डॉक्टर नाम के एक्स अकाउंट से कहा गया है कि निश्चित तौर पर, उनके बीच का कोई आत्म-घृणा करने वाला कोई भारतीय, उन्हें भारत की कमजोरियों पर हमला करने के लिए गाइड कर रहा है। वे उन लोगों के साथ मिले हो सकते हैं जो जातिगत युद्धों को बढ़ावा देकर भारत में सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। 
पीटर नवारो का बयान पागलपन 


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो का बयान पागलपन वाला लगें, लेकिन ऐसा नहीं है। ट्रंप प्रशासन भारत की जातिगत दरारों का फायदा उठाने की कोशिश में डीप स्टेट-कम्युनिस्ट-इस्लामिस्ट की रणनीति अपना रहा है। हताश और भयावह पीटर नवारो के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि अमेरिका अब भारत में अशांति फैलाने पर उतर आया है। हो सकता है आने वाले समय में भारत से लेकर अमेरिका में जातीय हिंसा भड़के और इसके पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसियां हो सकती है। इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि अमेरिका, अब भारत में भी बांग्लादेश और पाकिस्तान की तरह सत्ता परिवर्तन करने की कोशिशों में जुट गया है।