नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान जैसे देश के दुश्मनों की अब खैर नहीं है। भारत को अमेरिका और रूस से दो ऐसे अचूक हथियार मिल गए हैं जो दुश्मनों को पल भर में धूल में मिला देंगे। इसकी पहली खेप भारतीय सेना के पास पहुंच चुकी है। जल्द ही इसकी दूसरी खेप मिलने की संभावना है। भारतीय सीमा पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तिजनक गतिविधियां जारी है। इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अमेरिका से अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल सिग सौर और रूस की एके-203 की पहली खेप भारतीय सैनिकों के पास पहुंच चुकी है। जो पाकिस्तान और चीन के मोर्चे पर भारतीय सैनिकों के हाथों में मौजूद है। सिग सौर और एके-203 इनसास राइफल की जगह ले रही हैं। इसी के साथ तीन दशक से ज्यादा समय से सेना की ताकत रही इनसास अब इतिहास का हिस्सा होने जा रही है। बता दें कि अमेरिका से ली गई 72,400 सिग सौर राइफल पहले से ही भारतीय सेना इस्तेमाल कर रही है। इसके बाद भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 73,000 और सिगसौर राइफल का आर्डर दे दिया है। दोनों खेप मिलाकर कुल 1,45,400 सिग सौर राइफल भारतीय सेना के लिए खरीदी जा रही हैं। इन हथियारों को भारत फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत इमरजेंसी में खरीद कर रहा है। अमेरिकी कंपनी सिगसौर ने बयान जारी कर भारत के साथ हुए इस सौदे की जानकारी दी है। सिग सौर राइफल की खासियत की बात करें तो यह वजन में काफी हल्की है। इसकी मारक क्षमता सटीक 7.62 कैलिबर की है। इस राइफल की बैरल 16 इंच की है और यह 400 मीटर की रेंज में सटीक निशाना लगाती है। इस राइफल में 6 अलग-अलग टेलीस्कोपिक पोजीशन दी गई है। इसके अलावा, अब भारत में बनी रूसी एके-203 भी सेना को दी जानी शुरू हो गई है। भारत और रूस जॉइंट वेंचर इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी यूपी के अमेठी में इसका निर्माण कर रही है। कंपनी ने 35 हजार एके-203 राइफल रक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, अभी तक 10 हजार एके-203 सेना के अलग अलग यूनिटों को पहुंचाई जा चुकी हैं। सैनिकों को दिये जाने से पहले की फाइनल इंसपैक्शन जारी है, जैसे ही ये पूरी हो जाएगी, इन्हें भी सेना के जवानों को देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। खास बात तो ये है कि भारतीय सेना अभी तक 5.62एमएम कैलिबर की इनसास राइफल का इस्तेमाल कर रही है। उसकी मारक क्षमता को बढ़ाते हुए 7.62 गुणा 39एमएम कैलिबर एके-203 से बदला जा रहा है। बता दें कि भारत और रूस के बीच एके-203 राइफल को लेकर 2021 में डिफेंस डील हुई थी। 5100 करोड़ रुपये की इस डील के तहत अमेठी की फैक्ट्री में करीब 6 लाख राइफलें बनाई जाएंगी। अगर एके-203 असॉल्ट राइफल्स की खासियत की बात करें तो यह 300 मीटर तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। हल्के वजन और नई तकनीक के साथ असॉल्ट राइफल्स का उपयोग करना बेहद आसान है। अब सिग सौर और एके-203 के साथ भारतीय सेना ने जो तैयारी शुरू की है वह निश्चित तौर पर चीन और पाकिस्तान के लिए डरावनी साबित होगी।
भारत के दो नायाब हथियार देख चीन-पाकिस्तान के उड़े होश
28-Aug-2024