जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा अपाचे हेलीकाप्टर की सप्लाई रोके जाने के बीच भारत और इजरायल के बीच बड़ा समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत भारत को इजरायल से एयर लोरा मिसाइल और आइस ब्रेकर मिसाइल मिलेगी। इन मिसाइलों का भारत में निर्माण भी होगा। ये मिसाइलें भारत की सैन्य शक्ति को कई गुना बढ़ा देंगी। यह समझौता रैम्पेज मिसाइल की सफलता के बाद किया गया है।
हथियारों की बड़ी डील
भारत और इजरायल के बीच हथियारों की एक बड़ी डील हुई है। यह डील भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल की इजरायल की गुप्त यात्रा के दौरान हुई है। इसके तहत इजरायल अपनी तीन शक्तिशाली मिसाइलों को भारत को सौंपेगा। इन मिसाइलों का भारत में निर्माण भी किया जाएगा। इजरायली रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक जनरल अमीर बरम ने पिछले हफ्ते अपने भारतीय समकक्ष राजेश कुमार सिंह के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन यानी एमओयूÑ पर हस्ताक्षर किए हैं। यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार यह डील बेहद अहम मानी जा रही है। इस समझौते में इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज यानी आईएआई की एयर लोरा बैलिस्टिक मिसाइल और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स शामिल है। साथ ही आइस ब्रेकर क्रूज मिसाइलों की खरीद का भी रास्ता साफ हो गया है। इन हथियारों को चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है।
बेहद खतरनाक है रैम्पेज मिसाइल
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी एसआईपीआरआई के अनुसार भारत इजराइल के रक्षा उद्योगों का सबसे बड़ा ग्राहक है। 2020 और 2024 के बीच इजराइल के कुल रक्षा निर्यात में भारत का लगभग 34 प्रतिशत हिस्सा था। आॅपरेशन सिंदूर के दौरान इजरायल की रैम्पेज मिसाइल की शानदार सफलता से भारत उत्साहित है। इसी बात को लेकर भारत इजरायल से एयर लोरा मिसाइलों को खरीदना चाहता है। रैम्पेज मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 250 किलोमीटर है। इसे भारतीय वायुसेना के सुखोई एसयू 30 एमकेआई और मिग 29 विमानों पर तैनात किया गया है। यह बेहद सटीक हमला करने वाली मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता भारतीय लड़ाकू विमानों को हमले के लिए पाकिस्तान के एयर डिफेंस जोन में घुसने में मदद करती है।
एयर लोरा की मारक क्षमता 400 किलोमीटर
दूसरी खरीदी जाने वाली मिसाइल एयर लोरा की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। यह भारतीय लड़ाकू विमानों को दूर से ही दुश्मन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में मदद करेगा। इससे न केवल भारतीय लड़ाकू विमान दुश्मनों के एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज से बाहर रहेंगे, बल्कि उन्हें भारी नुकसान भी पहुंचा सकेंगे। एयर लोरा मिसाइलों को खास तौर पर दुश्मन की मिसाइल साइट, सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टमों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल 1600 किलोग्राम वजनी है, सुपरसोनिक गति से उड़ती है और बिना किसी व्यवधान के सुरक्षित सैटेलाइट नेविगेशन का इस्तेमाल करती है।
फायर एंड फारगेट के सिद्धांत पर काम
एयर लोरा मिसाइल फायर एंड फारगेट के सिद्धांत पर काम करती है। इसका अर्थ यह है कि एक बार लक्ष्य पर दागे जाने के बाद इसे गाइड करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह मिसाइल कई तरह के विस्फोटकों को ले जा सकती है, जिन्हें आसान लक्ष्यों का बंकरों पर तैनात किया जा सकता है। अपनी 400 किलोमीटर की मारक क्षमता और दस मीटर के भीतर की सटीकता के साथ, यह भारत को किसी भी पाकिस्तानी ठिकाने पर हमला करने में सक्षम बनाएगा। भारत ने इजरायल की आइस ब्रेकर क्रूज मिसाइल में भी रुचि दिखाई है। इस मिसाइल को जमीन और समुद्री लक्ष्यों पर लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल सभी मौसमों में प्रभावी है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से भरे वातावरण में भी अच्छी तरह से काम कर सकती है, और इसमें इन्फ्रारेड आधारित नेविगेशन और मिसाइल मार्गदर्शन क्षमताएं हैं। यह एआई के माध्यम से लक्ष्यों को प्राप्त और पहचान सकती हैं।




