भारत-अमेरिका के बीच बड़ी डील, पी-8 आई एयरक्राफ्ट की होगी खरीद

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अब भारत गहरे समुद्र में छिपी पनडुब्बियों को भी तबाह करने की ताकत को और मजबूत करने में जुट गया है। इसके लिए अमेरिका के साथ पी-8 आई एयरक्राफ्टों की डील जल्द फाइनल हो सकती है। आज से 19 सितंबर के बीच अमेरिकी डेलिगेशन दिल्ली आकर बातचीत करेगा। 4 अरब डॉलर की यह डील भारतीय नौसेना को बेहद मारक बना देगी।

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग 
रिश्तों में कड़वाहट के साथ भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग नए स्तर पर पहुंचने वाला है। सूत्रों का मानना है कि भारतीय नौसेना के लिए 6 अतिरिक्त पी-8 आई मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट की डील को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत लगभग तय हो चुकी है। यह डील करीब 4 अरब डॉलर की है। इसके लिए आज एक अमेरिकी डेलिगेशन दिल्ली आने वाला है। इस डील पर दो-तीन दिनों तक लगातार बातचीत होगी। इस डेलिगेशन में यूएस डिपार्टमेंट आॅफ डिफेंस और बोइंग के प्रतिनिधियों के अलावा कई अहम संस्थाओं के अधिकारी शामिल होंगे। इनमें आफिस आफ द अंडर
सेक्रेटरी आॅफ डिफेंस फॉर पॉलिसी, नेवी इंटरनेशनल प्रोग्राम्स आफिस और डिफेंस सिक्योरिटी कोआपरेशन एजेंसी शामिल हैं।
भारत के पास 12 पी-8 आई एयरक्राफ्ट 

मौजूदा समय में भारत के पास 12 पी-8 आई एयरक्राफ्ट हैं। नौसेना को इंडियन ओशियन रीजन में अपनी निगरानी और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमता को मजबूत करने के लिए 6 और एयरक्राफ्ट की जरूरत है। बता दें कि मौजूदा समय में किसी भी देश से युद्ध जीतने के लिए नेवी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। हाल के वर्षों में इंडियन ओशियन रीजन क्षेत्र में चीन के युद्धपोतों और पनडुब्बियों की मौजूदगी बढ़ी है। कभी सर्वे के नाम पर तो कभी एंटी-पाइरेसी आॅपरेशन्स के तहत चीनी नौसेना इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी का विस्तार कर रही है। यही वजह है कि भारतीय नौसेना लगातार अपनी निगरानी क्षमताओं को अपग्रेड कर रही है। ऐसे में अमेरिका के साथ इस डील को बेहद अहम माना जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाया हाई टैरिफ 

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर हाई टैरिफ लगा दिए हैं। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि रक्षा सौदों पर असर पड़ेगा। अब सूत्रों का कहना है कि इन टैरिफ का भारत-अमेरिका के रक्षा समझौतों पर कोई असर नहीं पड़ा है। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जारी एक जॉइंट स्टेटमेंट में साफ हुआ था कि 6 अतिरिक्त पी-8 आई एयरक्राफ्ट की डील अपने अंतिम चरण में है। साथ ही शर्तों पर सहमति भी बन चुकी है। बता दें कि 2009 में नौसेना ने पहली बार 8 एयरक्राफ्ट खरीदे थे। इसके बाद 2016 में 4 और एयरक्राफ्ट लिए गए। नौसेना ने कुल 10 अतिरिक्त एयरक्राफ्ट की मांग की थी। 2019 में इसकी मंजूरी मिली। इस फैसले को मई 2021 में अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट से हरी झंडी मिली।
लंबी दूरी की निगरानी के लिए डिजाइन 

इस एयरक्राफ्ट की विशेषताओं की बात करें तो ये एयरक्राफ्ट लंबी दूरी की निगरानी के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये गहरे समुद्र में भी पनडुब्बियों का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय करने की क्षमता रखते हैं। पी-8 आई एयरक्राफ्ट 41,000 फीट की ऊंचाई से उड़ान भर सकता है। यह एक बार में 8,300 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें 11 हार्ड पॉइंट्स हैं, जिनमें एंटी-शिप मिसाइल, क्रूज मिसाइल, लाइटवेट टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर चार्ज लगाए जा सकते हैं। दूसरी ओर भारतीय नौसेना एमक्यू -9 बी ड्रोन की क्षमता भी बढ़ा रही है। नौसेना को 2029 तक कुल 31 ड्रोन मिलेंगे, जो इंडियन ओशियन रीजन की रियल-टाइम निगरानी में मदद करेंगे। इस क्षेत्र में वर्तमान में 50 से अधिक नेवल वेसल और 20,000 मर्चेंट शिप मौजूद रहते हैं। पी-8आई और ड्रोन मिलकर भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमताओं को और मजबूत करेंगे। ये इंडियन ओशियन में भारत की समुद्री सुरक्षा को नए स्तर तक ले जाएंगे।