जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरिक्ष में दो तारे तांडव कर रहे हैं। 4000 प्रकाश वर्ष दूर महाविस्फोट होने वाला है। यहां महज एक खगोलिय घटना नहीं होने वाली है बल्कि महान वैज्ञानिक आइंस्टीन की थ्योरी दावं पर लग गई है।
4000 प्रकाश वर्ष दूर दो तारे
धरती से 4000 प्रकाश वर्ष दूर दो तारे एक-दूसरे से टकराने वाले हैं। वैज्ञानिक इसे मौत का नाच कह रहे हैं। यह घटना आइंस्टीन की ग्रेविटी थ्योरी की सबसे बड़ी परीक्षा होगी। इनके टकराने से सुपरनोवा जैसा विस्फोट होगा। जिसे भविष्य में नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। नासा और दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर नजर गड़ाए हैं। खगोलविदों ने पहली बार इसे इतनी साफ तौर पर देखा है। वैज्ञानिक अपनी सांसें थामकर इस महाविनाश का इंतजार कर रहे हैं। यह सिर्फ एक टक्कर नहीं बल्कि ब्रह्मांड के नियमों को समझने का मौका है।
स्टार सिस्टम को दिया गया नाम
खगोलविदों ने जहां महाविस्फोट होने वाला है उस स्टार सिस्टम को नाम भी दिया है। इस स्टार सिस्टम का नाम जेडटीएफ-जे 2130 है। यह कोई साधारण स्टार सिस्टम नहीं है। इसमें दो तारे एक-दूसरे के चक्कर लगा रहे हैं। मजे की बात यह है कि ये दोनों मरने की कगार पर हैं। एक तारा व्हाइट ड्वार्फ है जो किसी तारे का बचा हुआ गर्म कोर होता है। दूसरा तारा एक सब-ड्वार्फ है जो अपने जीवन के अंतिम चरण में है। ये दोनों एक-दूसरे के इतने करीब आ चुके हैं कि अंतरिक्ष में अब महाविस्फोट होने का डर सताने लगा है। इनका एक चक्कर 40 मिनट से भी कम समय में पूरा हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों तारे बेहद करीब आ चुके हैं। इनकी ग्रेविटी इतनी ज्यादा है कि इसने तारों का आकार बिगाड़ दिया है। सब-ड्वार्फ तारे का मैटर खिंचकर व्हाइट ड्वार्फ पर गिर रहा है। यह नजारा किसी साइंस फिक्शन फिल्म जैसा लगता है। यह खिंचाव बता रहा है कि अंत बहुत करीब है। यह प्रक्रिया बहुत तेजी से चल रही है। वैज्ञानिक इस दुर्लभ घटना को बहुत बारीकी से रिकॉर्ड कर रहे हैं।
ग्रेविटेशनल वेव्स से घूमते हैं तारे
बता दें कि जब दो भारी चीजें इतनी तेजी से घूमती हैं तो लहरें बनती हैं। इन्हें ग्रेविटेशनल वेव्स कहा जाता है। अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1915 में इनकी भविष्यवाणी की थी। यह स्पेस-टाइम के फैब्रिक में होने वाली हलचल है। ये तारे अपनी ऊर्जा खो रहे हैं और पास आते जा रहे हैं। इससे ग्रेविटेशनल वेव्स निकल रही हैं। यह सिस्टम ऊर्जा सोख रहा है और सिकुड़ रहा है। इस प्रक्रिया से हर साल ये दोनों तारे और करीब खिसक रहे हैं। वैज्ञानिकों ने जर्मनी और स्पेन के टेलिस्कोप से डेटा जमा किया है। उन्होंने पाया कि इनका आॅर्बिट धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। हर सेकंड आॅर्बिट का समय दो ट्रिलियनवें हिस्से से कम हो रहा है।



