अंतरिक्ष में आग उगल रहे हैं 3 राक्षस, नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने खोला राज 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरिक्ष में 3 राक्षस आग उगल रहे हैं। नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने यह राज खोला है। इन तीनों को अपेप नाम दिया गया है। इसमें दो दुर्लभ वुल्फ-रायेट तारे हैं। वे 190 साल की कक्षा में घूमते हैं। इसके चारों ओर धूल भरी आंधिया चल रही हैं। संभावना जताई गई है कि ये तीनों तारे भविष्य में सुपरनोवा के रूप में फटेंगे।
अद्भुत तस्वीर की  कैद 

नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने एक अद्भुत तस्वीर कैद की है। यह एक ट्रिपल स्टार सिस्टम है। इसे अपेप नाम दिया गया है। यह मिस्र के अराजकता के देवता का नाम है। तस्वीर में यह ब्रह्मांडीय भ्रूण जैसा दिखता है। इस तारों समूहों के बड़ा सिस्टम है। इसके चारों ओर धूल भरी आंधियां चल रही रही हैं। इस सिस्टम में तीन तारे मौजूद हैं। इनमें दो तारे बहुत दुर्लभ हैं। इन्हें वुल्फ-रायेट स्टार्स भी कहा जाता है। बता दें कि यह तारा बहुत विशाल होने के साथ बेहद गर्म है। इनका जीवन बहुत अस्थिर बताया जा रहा है। इनमें से शक्तिशाली हवाएं निकलती हैं। ये हवाएं बड़े मैटर को बाहर फेंकती हैं। ये मैटर हीलियम, नाइट्रोजन और कार्बन से भरपूर होते हैं। हमारी मिल्की वे गैलेक्सी में ऐसे अरबों तारे मौजूद हैं। इनमें सिर्फ लगभग 1,000 वुल्फ-रायेट तारे ही ज्ञात हैं।
नेबुला बनाती हैं हवाएं 

इन तारों से निकलने वाली हवाएं नेबुला बनाती हैं। जब एक वुल्फ-रायेट तारा किसी दूसरे तारे के साथ होता है, तो उनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति नेबुला का आकार बदलती है। अपेप सिस्टम सबसे अनोखा है। इसमें दो वुल्फ-रायेट तारे हैं। वे एक दूसरे का चक्कर लगाते हैं। उनकी कक्षा 190 साल की है। यह एक दुर्लभ आर्बिट है। जब ये तारे सबसे करीब आते हैं, तो उनकी तारकीय हवाएं आपस में टकराती हैं। इस टक्कर से भारी मात्रा में धूल बनती है।  यह धूल सर्पिल आकार में होती है। ऐसा हर 25 साल में होता है। 
अनोखी कक्षीय अवधि वाला सिस्टम 

इन तारों के बारे में मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के रयान व्हाइट का कहना है कि यह अनोखी कक्षीय अवधि वाला सिस्टम है। उन्होंने बताया कि अगले सबसे लंबे वुल्फ-रायेट बाइनरी की कक्षा लगभग 30 साल की होगी। बता दें कि इस सिस्टम की खोज 2018 में हुई थी। तब केवल सबसे चमकदार भीतरी स्पाइरल ही दिखाई देता था। इस बार ट्रिपल स्टार सिस्टम दिखाई दिया है। ये स्पाइरल्स पिछले 700 सालों में हुई चार घटनाओं को दिखाते हैं।  इस तीसरे तारे की मौजूदगी एक खास तरीके से सामने आती है। यह तारकीय हवाओं और धूल से इंटरैक्ट करता है। इससे फैलते हुए स्पाइरल गोले में एक कैविटी बन जाती है। डॉ. व्हाइट ने कहा कि कैविटी लगभग हर गोले में एक ही जगह पर है। ये तीनों तारे अंत में सुपरनोवा के रूप में फटेंगे। यह एक बड़ा विस्फोट होगा। दूसरे तारे के बारे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये गामा-रे बर्स्ट के रूप में फटेंगे। इससे ब्लैक होल का निर्माण होगा। वहीं तीसरा तारा सुपरजायंट फटने के बाद न्यूट्रॉन स्टार छोड़ेगा। बाद में इससे भी ब्लैक होल, का निर्माण होगा। यह न्यूट्रॉन स्टार की परिक्रमा करेंगे। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जब ये तीनों फटेंगे तो ब्रह्मांड के सबसे विनाशकारी नजारों में से एक होगा।