अमेरिका ने चीन के खिलाफ अपनाए आक्रामक तेवर 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाते ही अमेरिका ने चीन के खिलाफ आक्रामक तेवर अपना लिए हैं। गुआम में मौजूद अमेरिकी बेस की सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती की जा रही है। इस एयर डिफेंस से प्रशांत महासागर के आसपास भी चीन के फटकने की हिम्मत नहीं होगी। प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने खास रणनीति पर काम तेज कर दिया है। इसके तहत पहले प्रशांत महासागर में मौजूद अपने गुआम एयर बेस के ऊपर से गुजर रही बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराया। इस मिसाइल को ट्रैक करने के लिए एएन/टीपीवाई- 6 राडार का इस्तेमाल किया। इसके बाद स्टैंडर्ड मिसाइल-3 ब्लॉक 2ए को दागकर अपनी ओर आ रही मिसाइल को मार गिराया। बता दें कि यह एक परीक्षण था। जिससे चीन अगर भविष्य में दक्षिण चीन सागर, ताइवान या उसके आसपास हमला करे तो अमेरिका अपने मित्र देशों के बचाव में सटीक और मारक हमला कर सके। यह असल में चीन से संभावित युद्ध की स्थिति में उसे करारा जवाब देने के लिए किया गया परीक्षण था। बता दें कि गुआम बेस से अमेरिका ताइवान, जापान, फिलीपींस जैसे देशों की सुरक्षा पर नजर रखता है। जिससे जरूरत पड़ने पर वह इन देशों को चीन के किसी भी तरह के हमले से बचा सके। अब अमेरिका ने गुआन में थॉड एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि यह दुनिया के लोकप्रिय और शक्तिशाली हथियारों में से एक है। इसे खास तौर पर चीन जैसे दुश्मन देशों की बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिका ने इस सिस्टम को अपने चुनिंदा सहयोगी देशों में तैनात किया है। उनका आपरेशन अमेरिकी सेना के हाथों में ही है।  थॉड की खासियतों के बारे में बात करें तो यह एक उन्नत एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। जिसे टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस कहा जाता है। किसी भी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए थाड को अमेरिका ने डिजाइन किया है। अमेरिका की थाड मिसाइल प्रणाली मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को उड़ान भरने के शुरूआती दौर में ही नष्ट करने का काम करती है। हिट टू किल तकनीक पर काम करने वाली ये प्रणाली सामने से आ रहे हथियार को रोकती नहीं बल्कि नष्ट कर देती है। इसकी मारक क्षमता दो सौ किलोमीटर की दूरी तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक की है। इस सिस्टम में मजबूत रडार सिस्टम आस-पास की मिसाइल को उसकी लांचिंग स्टेज में ही पकड़ लेता है। निशाने का शुरूआत में ही खात्मा कर देता है। इस सिस्टम के तहत एक बार में आठ एंटी मिसाइल दागी जा सकती हैं।  थाड में छह ट्रक-माउंटेड लॉन्चर होते हैं। जिसमें हर लॉन्चर में आठ इंटरसेप्टर, रडार और रेडियो उपकरण होते हैं। एक बार लॉन्चर के प्रयोग के बाद उसे फिर से लोड करने में लगभग 30 मिनट लगते हैं। एक यूनिट को चलाने के लिए 95 सैनिकों की आवश्यकता होती है।