जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर अब तक की सबसे बड़ी खोज की है। यहां वैज्ञानिकों ने डायनासोर के अंडे जैसे दिखने वाले चट्टानों की खोज की है। इसे मानव जिंदगी की तलाश में जुटे रोवर की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
वीरान, सुनसान और रहस्यों से भरा है मंगल
मंगल यानी लाल ग्रह वीरान, सुनसान और रहस्यों से भरा हुआ है। इस ग्रह पर खामोशी के बीच कई अजीब कहानियां दबी हुई हैं। ऐसे में लाल ग्रह हमेशा से वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों के लिए रूचि का विषय रहा है। वैज्ञानिक यहां पर हर दिन कोई न कोई खोज करते रहते हैं। इतना ही नहीं अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल ग्रह पर आए दिन कोई न कोई खुलासा कर देती है। अब मंगल पर जीवन की खोज अभियान पर गए नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि क्यूरियोसिटी रोवर जब माउंट शार्प की ढलानों पर पहुंचा, तो उसे ऐसी चट्टानें दिखीं जो किसी अंडे या पुराने घोंसलों जैसी लग रही हैं। इस खोज ने वैज्ञानिकों की जिज्ञासा बढ़ा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि ये डायनासोर के अंड्डे हैं।
माउंट शार्प इलाका पूरी तरह अनोखा
बता दें कि मंगल ग्रह का माउंट शार्प इलाका पूरी तरह अनोखा है। यहां की चट्टानों में नसों जैसी लकीरें और दरारें हैं। यह नया शोध पुराने जैसा लगा रहा है। जिसमें कहा गया था कि ये चट्टानें उन दिनों की गवाही देती हैं जब मंगल पर नदियां और झीलें हुआ करती थीं। इनकी परतें और उभरी हुई आकृतियां बताती हैं कि ग्रह पर कभी नमी थी। समय बदलने के साथ इस ग्रह पर सब कुछ सूख गया। यानी मंगल के पर्यावरण में एक साथ कई बदलाव हो गए। इससे यहां से जीवन नष्ट हो गया। यह खोज माउंट शार्प की ढलानों पर स्थित गेडिज वैलिस रिज के द बॉक्सवर्क्स नामक इलाके में हुई है। मंगल की इन चट्टानों में नसों जैसी दरारें और लकीरें हैं, जो इस ग्रह की अतीत की याद दिलाती है। इसकी परतदार संरचना और उभरी हुई आकृतियां यह संकेत देती हैं कि यहां कभी नमी थी, जो धीरे-धीरे सूख गई।
हाईटेक उपकरणों के साथ मंगल की सतह की गहन जांच
बता दें कि क्यूरियोसिटी रोवर ने अपने हाईटेक उपकरणों के साथ मंगल की सतह की गहन जांच कर रहा है। रोवर इस इलाकों की तस्वीरें लेने के साथ केमकैम चट्टानों की रासायनिक संरचना का विश्लेषण कर रहा है। इस दौरान ये बक्सेनुमा चट्टाने मिलीं। ये चट्टाने डायनासोर के अंडों जैसी दिखाई दे रही हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि पÞृथ्वी तरह यहां भी पहले डायनासोर रहा करते थे। जैसे धरती पर प्रलय आई और डायनासोर खत्म हो गए वैसी ही यहां भी ऐसा हुआ होगा। बता दें कि नासा का क्यूरियोसिटी रोवर यहीं नहीं रुकेगा। नसों और दरारों का विश्लेषण करेगा। इसके बाद यह कुकेनान की तरफ बढ़ेगा। यहां और ज्यादा परतदार चट्टानें दिखाई दे सकती हैं। क्यूरियोसिटी रोवर का हर कदम वैज्ञानिकों की इस तस्वीर को और पुख्ता करता है कि प्राचीन मंगल ग्रह का विकास कैसे हुआ। रोवर की यह खोज अतीत में जीवन की संभावना के बारे में हो रही खोज को नई दिशा दे सकती है। आने वाले दिनों रोवर कई अन्य रहस्यों से भी पर्दा उठा सकता है।