भारत ने सामरिक शक्ति का किया प्रदर्शन, देख दुश्मनों के छूट जाएंगे पसीने 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने अपनी सामरिक शक्ति का ऐसा प्रदर्शन किया है जिसे देख दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे। भारत ने अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर दिया है। इसकी मारक क्षमता 5500 किलोमीटर है। यानी भारत अब चीन या पाकिस्तान के किसी भी इलाके पर अटैक कर सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह परमाणु बम ले जाने में सक्षम है और इसमें लगभग सबकुछ स्वदेशी है।
सबसे ताकतवर मिसाइल का परीक्षण

भारत ने बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से अपने सबसे ताकतवर मिसाइल अग्नि पांच का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस मिसाइल को बंगाल की खाड़ी के तट से हवा में छोड़ा गया। यह हिंद महासागर में अपने लक्ष्य को सटीक निशाना लगाने में कामयाब रहा। बता दें कि चार दिन पहले इस मिसाइल टेस्ट को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने इस मिसाइल का परीक्षण किया है। सबसे खास बात यह है कि इस मिसाइल ने आॅपरेशनल और टेक्नोलॉजी के सभी पैरामीटर्स पार किए हैं। यह ट्रायल भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करेगा। लांचिंग के बाद यह मिसाइल पूरी तरह आॅपरेशनल तैनाती के लिए तैयार है। यानी इस मिसाइल से अब दुश्मन देश पर हमला किया जा सकता है।

5500 किलोमीटर तक की रेंज 

अग्नि-5 की सबसे बड़ी ताकत इसकी 5500 किलोमीटर तक की रेंज है। अग्नि-5 से बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू से लेकर इस्लामाबाद और कराची तक के बड़े शहरों पर निशाना लगाया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता इतनी लंबी है कि एशिया ही नहीं, यूरोप और अफ्रीका के बड़े हिस्सों पर भी हमला किया जा सकता है। बता दें कि अग्नि-5 रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ द्वारा बनाई गई लंबी दूरी की परमाणु-बैलिस्टिक मिसाइल है। यह अग्नि सीरीज की सबसे एडवांस मिसाइल है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल परिवार का हिस्सा है। यह भारत की भूमि-आधारित परमाणु निवारक क्षमता का आधार है।

एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दे सकती है धोखा 

इस मिसाइल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह दुश्मन के किसी भी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को धोखा दे सकती है। इसकी गति और ऊंचाई बदलने की क्षमता बेजोड़ है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके उन्नत नेविगेशन सिस्टम इसे रडार की पकड़ से बचाते हैं। इस मिसाइल को मॉडर्न नेविगेशन, मार्गदर्शन, वारहेड और इंजन टेक्नोलॉजीज के साथ डिजाइन किया गया है। यह इसकी मारक क्षमता और सटीकता को बढ़ाती है। अग्नि-5 मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टागेर्टेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक से लैस है। यह मिसाइल कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। जिनमें से प्रत्येक से अलग-अलग लक्ष्य को निशाना बनाया जा सकता है और उसे पलक झपकते ही तबाह किया जा सकता है। यह मिसाइल 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है। 

तीन स्टेज वाला सॉलिड फ्यूल प्रोपल्शन सिस्टम 


तीन स्टेज वाला सॉलिड फ्यूल प्रोपल्शन सिस्टम इसे बेहद ताकतवर बनाते हैं। रिंग लेजर जायरो और जीपीएस नेविगेशन की मदद से यह मिसाइल बेहद सटीकता के साथ वार करती है। यह परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है और करीब 1.5 टन पेलोड ले जा सकती है। अग्नि-5 को और घातक बनाने की तैयारी चल रही है। जल्द ही इसमें एमआरवी तकनीक भी जुड़ जाएगी। रक्षा सूत्रों की माने तो अभी तक एम आई आर वी तकनीक से लैस मिसाइल केवल रूस ,चीन, अमेरिका, फ्रांस और यूके के पास है। इस मिसाइल को जमीन या समंदर या पनडुब्बी से भी लांच किया जा सकता है। बता दें कि  इससे पहले इसी साल 11 मार्च को इस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। भारत के पास अभी तक अग्नि एक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर है। अग्नि 2 मिसाइल की मारक क्षमता 2000 किलोमीटर है। इसी तरह अग्नि तीन मिसाइल की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है। साथ ही अग्नि चार मिसाइल की मारक क्षमता 3500 से 4000 किलोमीटर है। । भारत ने अग्नि पांच को विकसित करने का ऐलान साल 2007 में किया था। बता दें कि भारत अपने सभी मिसाइल के परीक्षणों को काफी गुप्त तरीके से परीक्षण कर रहा है। भारत अपनी सभी मिसाइलले चाहे वह बैलिस्टिक सीरीज की मिसाइल हो, चाहे क्रूज सीरीज की मिसाइल ,उनके प्रशिक्षण का समय या फिर तारीख भारत पहले से घोषणा नहीं कर रहा है। आज मिसाइल के क्षेत्र में भारत विश्व के मानचित्र पर अपना एक अलग पहचान बनाने में पूरी तरह से कामयाब हो चुका है । यहां सबसे अहम बात यह है कि मिसाइल के क्षेत्र में भारत अब विश्व के किसी भी दूसरे देश के तकनीक या वैज्ञानिकों पर निर्भर नहीं रहता है। जितने भी मिसाइलो का परीक्षण भारत कर रहा है सारे के सारे मिसाइल संपूर्ण स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित है।