अमेरिका की नागरिकता पड़ेगी महंगी, ट्रंप ने पेश किया नया प्लान

जनप्रवाद ब्यूरो नई दिल्ली। टैरिफ प्लान के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने नागरिकता को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। उनके इस ऐलान से अमेरिका में बसने की चाह रखने वालों को झटका लगा है। ट्रंप ने गोल्ड कार्ड का प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में वह अमीर प्रवासियों को आकर्षित करना चाहते हैं। इससे अमेरिकी नागरिकता के लिए 43 करोड़ की मोटी रकम चुकानी हागी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोल्ड कार्ड प्रोग्राम का ऐलान किया है। यह ग्रीन कार्ड के प्रीमियम संस्करण की तरह है। विदेशियों के लिए अमेरिका में बसने का रास्ता खोलने वाली यह योजना मार्च में शुरू हो जाएगी। हालांकि इसके लिए एक बड़ी रकम खर्च करनी होगी। एक गोल्ड कार्ड की कीमत पांच मिलियन डॉलर रखी है। ये राशि भारतीय रुपए में 43 करोड़ से ज्यादा बैठती है। ऐसे में जाहिर है कि बहुत बड़ा भारतीय वर्ग इस कार्ड के जरिए अमेरिका में बसने की सोच भी नहीं सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने महंगे गोल्ड कार्ड प्रस्ताव का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियां इस कार्ड को खरीदकर प्रतिभाशाली विदेशी छात्रों को नौकरी पर रख सकती हैं। ये छात्र भारत, चीन, जापान जैसे देशों से अमेरिका पढ़ने आते हैं। वे नागरिकता की वजह से यहां रुक नहीं पाते हैं। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में कहा कि इस कार्ड से होने वाली कमाई से राष्ट्रीय ऋण चुकाने में मदद मिलेगी। इससे अमेरिका मजबूत होगा। ट्रंप का कहना है कि कई बार छात्रों को नौकरी का आफर मिलने के बाद वापस ले लिया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनियों को नहीं पता होता कि ये छात्र अमेरिका में रह पाएंगे या नहीं। मैं चाहता हूं कि वह व्यक्ति देश में रहे। इसके लिए ये कंपनियां जाकर गोल्ड कार्ड खरीद सकती हैं। वे इसे भर्ती के मामले के रूप में उपयोग कर सकती हैं। बता दें कि यह नया प्रोग्राम मौजूदा ईबी-5 कार्यक्रम की जगह ले सकता है। ईबी-5 कार्यक्रम के तहत विदेशी निवेशक और उनके परिवार अमेरिकी व्यवसाय में निवेश करते हैं। साथ ही कम से कम 10 अमेरिकी नौकरियों को वित्त पोषित करके स्थायी निवास प्राप्त कर सकते है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप का गोल्ड कार्ड 5 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 43 करोड़ 56 लाख रुपए में मिलेगा। जिससे अमेरिकी नागरिकता मिल जाएगी। इसकी कीमत से साफ है कि भारत के बहुत अमीर लोग ही इतना खर्च उठा सकते हैं। ऐसे में उन कुशल पेशेवरों की परेशानी बढ़ जाएगी जो पहले से ही ग्रीन कार्ड के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रंप कंपनियों को गोल्ड कार्ड खरीदने की सलाह दे रहे हैं। इतनी बड़ी राशि खर्च करना कंपनियों के लिए भी मुश्किल होगा। इस प्रस्ताव से जिन देशों के लोगों की परेशानी बढ़ेगी, उनमें भारत का नाम अहम हैं। इसकी वजह ये है कि भारत के लोग बड़ी संख्या में अमेरिका जाते हैं और ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं।