धरती के कोर में मिला सोने का अकूत भंडार

नई दिल्ली। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने धरती के कोर में सोने के अकूत भंडार का पता लगाया है। यह सोना धीरे-धीरे अन्य धातुओं के साथ रिस-रिसकर धरती की सतह पर आ रहा है। यह भंडार इतना ज्यादा है कि धरती की पूरी भूमि को 20 इंच मोटे सोने से ढका जा सकता है। अपनी इस अभूतपूर्व खोज से वैज्ञानिक खुद हैरान है।

ज्वालामुखीय चट्टानों का अध्ययन 

वैज्ञानिकों ने हवाई ज्वालामुखीय चट्टानों का अध्ययन किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पृथ्वी की क्रस्ट में मौजूद कीमती धातुएं, जिनमें सोना भी शामिल है, कोर से बाहर रिस रही है। शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि पृथ्वी का 99.99 प्रतिशत से अधिक सोना, रूथेनियम, पैलेडियम, प्लेटिनम जैसी कीमती धातुएं धरती के कोर में फंसी हुई हैं। यह धातुएं 3,000 किलोमीटर ठोस चट्टान के नीचे दबी हुई हैं। जो 4.5 अरब साल पहले ग्रह के निर्माण के बाद से वहां मौजूद है।

ऊपरी मेंटल में लीक हो रही धातुएं 

नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार, गॉटिंगेन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने धातुओं का पता लगाने के लिए उन्नत आइसोटोपिक विश्लेषण तकनीकों और उन्नत मशीनों का इस्तेमाल किया। शोध में उन्हें एक बेहद खास किस्म के रूथेनियम आइसोटोप के असामान्य रूप से उच्च स्तर का पता चला। शोध में शामिल जर्मनी के भू-रसायनज्ञ निल्स मेसलिंग के अनुसार, शुरुआती नतीजे आने के बाद हम चौंक गए, हमें महसूस हुआ कि हमने सचमुच सोना खोज लिया है। हमारे डेटा ने पुष्टि की है कि धरती के कोर से बहुमूल्य धातुएं ऊपरी मेंटल में लीक हो रही हैं।

कई सौ क्वाड्रिलियन मीट्रिक टन चट्टान

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोर-मेंटल सीमा के पास सैकड़ों क्वाड्रिलियन मीट्रिक टन अति-उष्णित पदार्थ मौजूद हैं। जो अपने आप एक निर्धारित समय पर ऊपर उठते हैं। शोध के निष्कर्ष न केवल ये दर्शाते हैं कि पृथ्वी का कोर उतना अलग-थलग नहीं है जितना पहले माना जाता था। निष्कर्ष यह साबित कर हैं कि सुपर-उष्णित मेंटल सामग्री की विशाल मात्रा, कई सौ क्वाड्रिलियन मीट्रिक टन चट्टान, कोर-मेंटल सीमा पर उत्पन्न होती है। जो पृथ्वी की सतह पर आकर हवाई जैसे महासागरीय द्वीपों का निर्माण करती है।

3,000 किमी नीचे तक खुदाई असंभव

वैज्ञानिकों के मुताबिक, हम पृथ्वी की क्रस्ट में सोने तक पहुंच सकते हैं, लेकिन 3,000 किलोमीटर नीचे तक खुदाई नहीं कर सकते हैं। शोध के निष्कर्ष इस ओर इशारा कर रहे हैं कि दुनिया में मौजूद सोने और कीमती धातुओं की आपूर्ति पृथ्वी के कोर से उत्पन्न हुई हो सकती है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी इस बात के लिए पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं कि उनके शोध में देखी गई कोर-लीकिंग की प्रक्रिया धरती के इतिहास में सुसंगत घटना है या नहीं। लेकिन, इतना तय है कि शोध का निष्कर्ष धरती की आंतरिक गतिशीलता के विकास पर नया दृष्टिकोण पेश कर रहा है।