नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने समंदर की गहराई में लॉस्ट सिटी की खोज की है। इस जगह पर चूना-पत्थर से बनीं हजारों की संख्या में गर्म चिमनियां मौजूद हैं। ये चिमानियां हाइड्रोजन और मीथेन गैस बनाती हैं और 1 लाख 20 हजार साल से सक्रिय हैं। वैज्ञानिकों को इस जगह से कई बड़े रहस्य खुलने की उम्मीद है।
ऊंची-ऊंची हजारों चिमनियां मौजूद
अटलांटिक महासागर की गहराई में मिड-अटलांटिक रिज के पास लॉस्ट सिटी हाइड्रोथर्मल फील्ड नाम की अनोखी और रहस्यमयी जगह है। यह जगह समुद्र की सतह से 700 मीटर नीचे मौजूद है। यह समुद्र में मिली अभी तक की गर्म पानी के स्रोत की सबसे पुरानी जगह है, जो कम से कम 120 हजार साल से सक्रिय है। यहां 60 मीटर तक ऊंची हजारों चिमनियां और छोटी-छोटी मशरूम जैसी संरचनाएं मौजूद हैं। जिसका नाम पोसाइडन जैसे समुद्री देवताओं के नाम पर रखा गया है।
बिना ऑक्सीजन पनपते हैं सूक्ष्म जीव
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस जगह पर समुद्र का पानी और पृथ्वी की मेंटल परत मिलकर हाइड्रोजन, मीथेन और अन्य गैस बनाते हैं। इन गैसों पर बिना आॅक्सीजन के भी सूक्ष्म जीव पनपते हैं। यहां छोटे-छोटे घोंघे, केकड़े और झींगे जैसे समुद्री जीव रहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये जगह पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत का रहस्य खोल सकती है। यहां की चिमनियां हाइड्रोकार्बन बनाती हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक होती हैं। ये हाइड्रोकार्बन सूरज की रोशनी से नहीं, बल्कि समुद्र के तल पर रासायनिक प्रक्रियाओं से बनते हैं।
100 गुना ज्यादा हाइड्रोजन और मीथेन
वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि समुद्र में ब्लैक स्मोकर्स नाम के दूसरे गर्म पानी के स्रोत भी मौजूद हैं, जो ज्वालामुखी की गर्मी पर निर्भर हैं। ये लोहे और सल्फर की चिमनियां बनाते हैं। लेकिन लॉस्ट सिटी में मिली चिमनियां ज्वालामुखी पर निर्भर नहीं हैं। ये 100 गुना ज्यादा हाइड्रोजन और मीथेन बनाती हैं और साइज में भी बहुत बड़ी हैं। वैज्ञानिकों ने लॉस्ट सिटी से 1268 मीटर लंबा मेंटल रॉक सैंपल निकाला है जो अभी तक का सबसे बड़ा सैंपल है। इससे पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत और परिस्थितियों के बारे में नई जानकारी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
वैज्ञानिकों ने लॉस्ट सिटी को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। क्योंकि यह जगह इस बात का संकेत देती है कि बिना सूरज की रोशनी के भी जीवन शुरू हो सकता है। साथ ही समुद्र में मिली अब तक की यह इकलौती ऐसी जगह है, जिसे रिमोटली आपरेटेड व्हीकल्स ने खोजा है। वैज्ञानिकों ने समुद्र की गहराई में मौजूद इस जगह को चमत्कार माना है, जो लाखों सालों से जीवन को सहारा दे रही है। उन्होंने लॉस्ट सिटी को विश्व धरोहर स्थल बनाने की भी मांग की है। साथ ही उन्होंने इसे खनन जैसे खतरों से बचाने की वकालत की है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर इसे बचाया नहीं गया तो यह अनोखी धरोहर खत्म हो सकती है।