महाविनाश के मुहाने पर खड़ा एक और देश, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

नई दिल्ली: म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप की भयावह यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। जिसमें चंद घंटों के अंदर हजारों लोग भूकंप की भेंट चढ़ गए थे। अब एक और देश पर महाभूकंप का खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने इस देश को अपना वजूद बचाने को लेकर चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिकों ने थाईलैंड के पड़ोसी देश जापान में महाभूकंप को लेकर भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि जापान धरती के अंदर टाइम बम की तरह बैठे भूकंप के मुहाने पर खड़ा है। जब यह भूकंप आएगा तो इसकी तीव्रता 8 से ज्यादा होगी और इससे ना सिर्फ धरती बल्कि समंदर में भी बड़ी हलचल पैदा हो सकती है। चेतावनी के अनुसार, अगर यह महाभूकंप आया तो जापान में करीब 2 लाख 80 हजार लोगों की जान जा सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, महाभूंकप के बाद आई सुनामी में भी 2 लाख 15 हजार लोगों की जान जाने की आशंका है। जबकि इमारतें गिरने की वजह से 73 हजार लोगों को भी खतरा होगा। इसके अलावा, आग लगने की घटनाओं से 9 हजार लोग मारे जा सकते हैं। वैज्ञानिकों ने अलर्ट तैयार करने के लिए जापान के पिछले 600 वर्षों के भूकंप की घटनाओं और डाटा का अध्ययन किया है। स्टडी के अनुसार, जापान में साल 1400 के बाद से भूकंप की घटनाएं होती रही हैं। शोध के अनुसार, जापान में हर महाभूकंप 100 से लेकर 200 साल के अंतराल के बाद आता है। इससे पहले वहां पिछला बड़ा भूकंप साल 1946 में आया था। जिसकी वजह से भी माना जा रहा है कि 2046 तक जापान अगला विनाशकारी भूकंप देख सकता है। वैज्ञानिकों ने जापान में इसकी वजह नानकाई की फॉल्टलाइन को बताया है। जो टोक्यो से लेकर जापान के दक्षिण में क्योशो तक जाती है। उनका कहना है कि यदि इस फॉल्टलाइन में हरकत हुई तो जापान को महाविनाश से कोई नहीं बचा सकता है। बता दें कि भूकंप प्रभावित होने के कारण जापान में इमारतों का निर्माण कुछ अलग तरीके से किया जाता है। इमारतों की नींव और निचले आधार को इस तरह बनाया जाता है कि भूकंप के झटकों को वह सह लेती हैं। जिसकी वजह से पिछले कुछ भूकंपों में जापान को ज्यादा क्षति नहीं हुई है। लेकिन महा भूकंप के लिए जापान अभी तकनीकी तौर पर तैयार नहीं है। ऐसे में अगर जापान ने इस दिशा में कामयाबी हासिल की तो वो बच सकता है। वरना आने वाले 20 वर्षों में जापान के एक बड़े हिस्से का धरती से नामोनिशान मिट सकता है।