जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के खतरे का सामना कर रहे आस्ट्रेलिया को जापान अपना अत्याधुनिक युद्धपोत देने जा रहा है। आस्ट्रेलिया की सरकार ने नेवी के लिए नए युद्धपोत का आर्डर दिया है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार जापान हथियार निर्यात कर रहा है।
चीन की धमकियों से निपटने को तैयार
चीन की धमकियों से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रहे जापान ने बड़ा कदम उठाया है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यह पहली बाहर होगा जब जापान किसी दूसरे देश को अपना युद्धक हथियार उपलब्ध कराएगा। जापान और आस्ट्रेलिया के बीच अत्याधुनिक मोगामी क्लास के फ्रीगेट को लेकर समझौता हुआ है। इस खतरनाक युद्धपोत से आस्ट्रेलिया चीन की हेकड़ी निकाल देगा। बता दें कि भारत और अमेरिका के साथ जापान-आस्ट्रेलिया भी क्वॉड के सदस्य देश हैं। इस संगठन का निर्माण चीन पर लगाम लगाने के लिए किया गया है। जापान और आस्ट्रेलिया दोनों ही देश अपनी सीमा पर चीनी सेना की बढ़ती गतिविधियों का सामना कर रहे हैं। चीन दोनों को ही धमकाने में जुटा हुआ है। जापानी मीडिया के अनुसार रॉयल आस्ट्रेलियन नेवी के अगले युद्धपोत को लेकर आयोजित प्रतियोगिता में जापानी युद्धपोत को चुना गया है। जापान आस्ट्रेलिया को कुल 11 युद्धपोत देगा जो लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे। यह दोनों के बीच अब तक का सबसे बड़ा रक्षा समझौता है।
चुनौतियों का सामना कर रहा जापान
बता दें कि चीन की चुनौतियों का सामना कर रहा जापान पिछले एक दशक से रक्षा क्षेत्र में जमकर पैसा खर्च कर रहा है। जापान ने अपने रक्षा बजट को काफी बढ़ा दिया है। जापान को डर लग रहा है कि ताइवान के बाद चीन उसका शिकार कर सकता है। जापान, अमेरिका, फिलीपीन्स और आस्ट्रेलिया मिलकर चीन के खिलाफ नया गठजोड़ भी बना रहे हैं। अमेरिका ने भी अपने गुआम मिलिट्री बेस को मजबूत किया है। आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने बताया कि जापानी युद्धपोत आस्ट्रेलियाई नेवी के 8 वर्तमान एनजाक क्लास वारशिप की जगह लेंगे। ये नए जापानी युद्धपोत 18,520 किमी तक आपरेशन कर सकेंगे। ये साल 2030 तक सेवा में आ जाएंगे। इन्हें रडार से पकड़ पाना भी मुश्किल होगा। इसमें 32 एयर डिफेंस मिसाइलें भी लगी होंगी।
आस्ट्रेलिया ने आत्मरक्षा में उठाया कदम
बता दें कि आस्ट्रेलिया ने 2024 में आत्मरक्षा के लिए युद्धपोत के लिए तलाश शुरू की थी। इस योजना को एसईए 3000 नाम दिया गया था। इस योजना के तहत जापान की कंपनी मित्सूबीशी हैवी इंडस्ट्री आस्ट्रेलिया के लिए पहला युद्धपोत बना सकती है। बाकी के बचे युद्धपोत को आस्ट्रेलिया के यार्ड में बनाया जाएगा। यह पूरा आर्डर 10 अरब आस्ट्रेलियाई डॉलर का हो सकता है। इस डील के लिए जर्मनी, दक्षिण कोरिया और स्पेन के युद्धपोत भी कतार में थे लेकिन बाजी जापानी युद्धपोत के हाथ लगी। इस साल के आखिर तक बाकी सभी कंपनियां बाहर हो गईं। आस्ट्रेलिया अब तक जर्मनी के बनाए हुए युद्धपोत का इस्तेमाल करता था।
मोगामी क्लास युद्धपोत ताकतवर
दूसरी ओर जापान जिस युद्धपोत का इस्तेमाल कर रहा है वह मोगामी क्लास युद्धपोत है। यह 2022 में पहली बार सेवा में शामिल हुआ था। यह अत्याधुनिक डिजाइन का फ्रीगेट 436 फुट लंबा है। यह 5500 टन के विस्थापन क्षमता वाला है। यह डीजल और गैस दोनों ही सिस्टम से चलता है। इस युद्धपोत में एसईए रडार लगा हुआ है। इसमें सेंसर और मिशन सिस्टम लगा हुआ है। इस युद्धपोत में टाइप 17 एंटी शिप क्रूज मिसाइलें लगी हैं। इसमें 5 इंच की मेन गन लगी हुई है। इस पर अमेरिकी सीहॉक हेलिकॉप्टर भी उतर सकता है। जापान यह युद्धपोत आस्ट्रेलिया को तत्काल देने जा रहा है। वहीं जो युद्धपोत बनाए जाएंगे वह इस युद्धपोत से ज्यादा लंबे हो सकते हैं। इसके अलावा उसकी विस्थापन क्षमता 6,200 टन होगी। साथ ही ज्यादा शक्तिशाली रडार लगाया गया है। माना जा रहा है कि जापान और आस्ट्रेलिया ने चीन को भी इसके जरिए बड़ा संदेश दिया है।