आसमान में दिखा रहस्यमयी आग का गोला
नई दिल्ली। हमारे सौरमंडल में कभी-कभी ऐसी घटनाएं होती हैं जिसका असर सीधा धरती पर पड़ता है। ऐसी ही एक घटना ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आसमान में अचानक एक चमकता रहस्यमयी आग का गोला दिखाई दिया है। उसकी गति, चमक और आकार देखकर लोगों के बीच दहशत फैल गई।
रहस्यमयी घटना देखकर वैज्ञानिक हैरान
चीन के आसमान में एक ऐसी रहस्यमयी खगोलीय घटना हुई जिसे देखकर वैज्ञानिक हैरान हैं। एक तैरता हुआ रहस्यमयी आग का गोला तेजी से आसमान में गया और इसमें तेज विस्फोट हो गया। यह विस्फोट इतना तेज था कि चीन के गुआंगडोंग प्रांत से लेकर हैनान प्रांत तक लोगों को इसकी आवाज सुनाई दी। ऐसा लगा जैसे कोई बहुत बड़ा उल्कापिंड धरती से टकरा गया है। इस दौरान कुछ पल के लिए रात में भी दिन हो गया। इस घटना को बहुत से लोगों ने अपनी आंखों से देखा और खौफ से उनका बुरा हाल हो गया।
हैरतअंगेज निशान छोड़ गया उल्कापिंड
वैज्ञानिकों ने इस खगोलीय घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आसमान में दिखा ब्रह्मांडीय आग का गोला एक उल्कापिंड था, जिसे ‘बोलाइड’ भी कहा जाता है। इस प्रकार का उल्कापिंड सामान्य उल्का से बहुत ज्यादा चमकीला होता है। जाते-जाते यह अपने पीछे एक हैरतअंगेज निशान भी छोड़ गया। अभी तक जो चमकीली रोशनी नारंगी-पीली दिखाई देती थी वह अब नीले-हरे रंग की दिखाई दी। इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उल्कापिंड ने उत्तर-पूर्व से एंट्री किया था और दक्षिण-पश्चिम की तरफ चला गया।
गोला कहां गिरा इसकी पुष्टि नहीं
यह आग का गोला किस जगह पर गिरा इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में इसके दक्षिण चीन सागर में गिरने की बात कही जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उल्कापिंड नियमित रूप से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते रहते हैं, लेकिन उनमें से सभी इस उल्कापिंड की तरह चमकीले या विस्फोट वाले नहीं होते हैं। उनमें से ज्यादातर धरती के ऊपरी वायुमंडल में जलकर नष्ट हो जाते हैं। लेकिन आग के गोले जैसे उल्कापिंड घर्षण से गुजरते हैं और तेजी से गर्म होते हैं। जिसके चलते चमक और तेज विस्फोट होता है।
साइबेरिया में हुई थी जबरदस्त तबाही
वैज्ञानिकों के अनुसार, चीन में इस तरह की घटना लगभग 100 साल पहले दिखाई दी थी। जब तुंगुस्का में बड़े पैमाने पर ब्रह्मांडीय विस्फोट देखा गया था। इस घटना पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। इसके अलावा, साल 1908 में साइबेरिया के ऊपर एक बड़ा क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराया था, जिससे एक चमकदार आग का गोला और शॉकवेव पैदा हुई थी। जिसकी वजह से लगभग 2200 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र समतल हो गया था। इस दौरान लाखों पेड़ नष्ट हो गए थे। वैज्ञानिकों ने इस विस्फोट को हिरोशिमा परमाणु बम से 1,000 गुना ज्यादा शक्तिशाली बताया था।