जन प्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। 2050 के बाद इंसान कंप्यूटर के जरिए अमर हो जाएंगे। यह सब खास तकनीक के जरिए होगा। डॉक्टर इयान पियर्सन ने दावा किया कि इंसान वर्चुअल वर्ल्ड में हमेशा जिंदा रह सकेगा। 2060 तक यह तकनीक आम लोगों के लिए भी उपलब्ध हो जाएगी।
अमरता हासिल करना चाहता है इंसान
जब से ये दुनिया बनी है, इंसान एक खास चीज हासिल करना चाहता है, वह है अमरता। पौराणिक युग में जहां लोग तपस्या करके ईश्वर से अमरता का वरदान मांगते थे। मान्यता है कि दुनिया में कुछ ऐसे चिरंजीवी लोग हैं, जिन्हें अमरता का वरदान मिला है। ये लोग धरती खत्म होने तक मौजूद रहेंगे। धर्म-शास्त्रों में भी ऐसे अमर लोगों का उल्लेख मिलता है, जिन्हें भगवान ने अमर होने का वरदान दिया था। वहीं विज्ञान के युग में इसको लेकर कई तरह की खोज की जा रही है। वैज्ञानिक इस तकनीक की खोज में लगे हैं कि इंसान को लंबी जिंदगी कैसे दी जा सके। अब भविष्यवक्ता और वैज्ञानिक डॉक्टर इयान पियर्सन का दावा है कि साल 2050 तक इंसान हमेशा के लिए जीने में सक्षम हो सकते हैं। उनका कहना है कि साल 2050 तक लोग मरेंगे नहीं बल्कि अपना दिमाग कंप्यूटर या रोबोटिक शरीर में अपलोड करके अमरता हासिल कर लेंगे। यह सुनने में अजीब है लेकिन डॉक्टर पियर्सन के अुनसार यह सपना सच होगा।
इयान पियर्सन ने किया दावा
इयान पियर्सन का मानना है कि कंप्यूटिंग, जेनेटिक इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स में तेजी से हो रही तरक्की से ऐसा संभव होगा। विज्ञान की बदौलत दावा किया जा रहा है कि इंसान शारीरिक तौर पर न सही लेकिन वर्चुअल वर्ल्ड में हमेशा जिंदा रह सकेगा। डॉक्टर इयान पियर्सन की इस भविष्यवाणी से वैज्ञानिकों में हड़कंप मच जाएगा। वहीं इस तकनीक को इजात करने वाले डाक्टर का कहना है कि इससे दुनिया की तस्वीर बदल जाएगी।
2060 में आम लोगों को फायदा
डॉक्टर पियर्सन के अनुसार 2050 तक ये तकनीक सिर्फ अमीर और मशहूर लोगों के लिए होगी। इसके बाद 2060 में यह आम मध्यम वर्ग के लिए भी उपलब्ध हो सकती है। उनका कहना है कि जेनेटिक इंजीनियरिंग से बुढ़ापा रोका जा सकता है और कोशिकाओं को युवा और स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अलावा, ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस जैसी तकनीक इंसानों को अपने विचार और यादें वर्चुअल दुनिया या रोबोटिक शरीर में अपलोड करने की सुविधा देंगी। ऐसे में भौतिक तौर पर मृत्यू हो भी जाए तो मरने के बाद भी वे डिजिटल रूप में जिंदा रह सकते हैं। यानी उनका दिमाग जीवित व्यक्ति की तरह काम करता रहेगा।
कुर्जवील ने भी बड़ी भविष्यवाणी
बता दें कि यह दावा उस समय सामने आया है जब प्रसिद्ध फ्यूचरिस्ट रे कुर्जवील ने भी बड़ी भविष्यवाणी की है। उनके अनुसार 2029 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानी दिमाग की बराबरी कर लेगा। पूर्व गूगल इंजीनियर रहे कुर्जवील ने कहा कि 2030 के दशक में इंसानों के दिमाग सीधे क्लाउड से जुड़ सकेगा। जिससे सोचने की क्षमता और बढ़ेगी। वे इससे पहले शतरंज चैंपियन को हराने वाले कंप्यूटर और स्मार्टफोन की लोकप्रियता की भविष्यवाणी भी कर चुके हैं। उनका दावा है कि साल 2045 तक इंसान साइबोर्ग बन सकते हैं। बता दें कि ये ऐसे जीव होंगे, जो मशीन और मानव दोनों के रूप में कार्य कर सकेंगे। इंसान अपने दिमाग को नई तकनीकी रूप से बनी बॉडी में डाउनलोड कर सकेंगे।