चीन वैज्ञानिकों ने खोज निकाला एलियंस का ठिकाना 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। आखिरकार वैज्ञानिकों ने एलियंस का ठिकाना खोज निकाला। इसे दूसरी धरती कहा जा रहा है। यह ऐसी खोज है, जो दूसरे ग्रह पर जीवन की संभावना को बता रही है। यहां पर पानी भी मौजूद हो सकता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ये एलियंस का ठिकाना है। जहां वे छुपे हुए हैं।

2400 प्रकाश वर्ष दूर मिला ग्रह


क्या इस ब्रह्मांड में इंसान अकेला है। ये सवाल सदियों से इंसान को हैरान करता रहा है। अब चीनी वैज्ञानिकों की एक बड़ी खोज ने इस रहस्य को सुलझाने की उम्मीद जगा दी है। उन्होंने 2400 प्रकाश वर्ष दूर एक सुपर-अर्थ की खोज की है। जहां पर जीवन के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में यहां एलियंस के होने की संभावना भी है। यहा वे वो छुपे हो सकते हैं। चीनी वैज्ञानिकों की ये खोज इंसान की अंतरिक्ष में जीवन की तलाश को नई दिशा दे सकती है। 

खगोलशास्त्रियों ने किया कारनामा 


रिपोर्ट के अनुसार चीनी विज्ञान अकादमी के खगोलशास्त्रियों ने यह कारनामा किया है। जिस सुपर-अर्थ की खोज की गई है उसका नाम केप्लर 725 सी रखा गया है। यहां जीवन की संभावना हो सकती है। कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि ये एलियंस का ठिकाना हो सकता है। यहां पर वे छुपे हो सकते हैं। यह ग्रह पृथ्वी से 10 गुना भारी है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां का वातावरण इंसानों के रहने योग्य है। यहा न बहुत गर्म, न बहुत ठंडा. है। तना ही नहीं, यहां पर पानी भी मौजूद हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर पानी की सतह और जमीन हो सकती है, जो कार्बन-आधारित जीवन के लिए जरूरी है।

खास तकनीक से केप्लर 72 सी की खोज


केप्लर 72 सी को एक खास तकनीक ट्रांजिट टाइमिंग वेरिएशन से खोजा गया है। यह सूरज जैसे तारे की हैबिटेबल जोन में ग्रह खोजने की पहली मिसाल है। यह केपलर स्पेस टेलीस्कोप के डेटा पर आधारित है। केप्लर-725सी अपने तारे की एक परिक्रमा हर 207.5 दिन में पूरी करता है। जिसका अर्थ है कि वहां एक वर्ष पृथ्वी के एक वर्ष से छोटा होता है। हमारे ग्रह की तुलना में इसकी धुरी में अंतर के कारण, ग्रह को पृथ्वी की तुलना में लगभग 1.4 गुना अधिक सौर विकिरण प्राप्त होता है। इसके बावजूद जीवन के लिए उपयुक्त हो सकता है। इसका द्रव्यमान हमारे गृह ग्रह से अधिक है, लेकिन बर्फ के विशालकाय ग्रहों यूरेनस और नेपच्यून से कम है। वहां का सूर्य हमारे सूरज से काफी युवा है। वह 1.6 अरब साल पुराना है, जबकि हमारा सूरज 4.6 अरब साल पुराना है।

केप्लर-725 सी एक हाइसियन ग्रह 


वैज्ञानिकों का कहना है कि केप्लर-725 सी एक हाइसियन ग्रह हो सकता है। जिसमें विशाल महासागर के साथ हाइड्रोजन-युक्त वातावरण हो सकता है। ऐसे ग्रह जीवन की खोज के लिए नई संभावनाएं खोल रहा है।  इसे मिनी-नेप्ट्यून भी कहा जा रहाहै। यह अध्ययन नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित हुआ है। शोध ने पहली बार टीटीवी विधि से सूरज जैसे तारे के निवास योग्य क्षेत्र में सुपर-अर्थ की खोज की है। इस शोध पर वैज्ञानिक सतर्क हैं। यह धरती से 2400 प्रकाश वर्ष दूर है। जीवन के संकेतों के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह की सतह भी धरती की तरह चट्टानी है। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह ग्रह महासागरों से ढका हो सकता है।