जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ तांडव के आगे भारत नहीं झुकेगा। मोदी सरकार ने इसकी प्लानिंग कर ली है। 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद भारत ने टेक्सटाइल निर्यात के लिए यूके, जापान, जर्मनी समेत 40 देशों में आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने की रणनीति बनाई है। उम्मीद की जा रही है कि इस पहल से भारत को होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। वहीं भारत के इस कदम ने अमेरिकी अधिकारी को आश्चर्य में डाल दिया है।
50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ
अमेरिका की ओर से 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत ने टेक्सटाइल निर्यात रणनीति को मजबूत करने की योजना बना ली है। बता दें कि अमेरिकी टैरिफ से भारत के 48 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है। इसमें टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण, चमड़ा, जूते, रसायन और मशीनरी जैसे क्षेत्र शामिल हैं। अअ भारत ने इस चुनौती को अवसर में बदलने की रणनीति तैयार कर ली है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी देश को अपनी नीतियों को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दे सकता है। ऐसे में उसने एक शानदार योजना बनाई है।
40 देशों में आउटरीच कार्यक्रम की योजना
भारत अब 40 देशों में विशेष आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इसमें यूके, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, कनाडा, मैक्सिको शामिल हैं। साथ ही रूस, तुर्की, यूएई और आस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख बाजारों में भी भारतीय सामान बेचने की तैयारी की जा रही है। भारत 40 देशों में लक्षित रणनीति अपनाएगा। इससे गुणवत्तापूर्ण, टिकाऊ और इनोवेटिव टेक्सटाइल उत्पादों के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में मजबूत मजबूत होगी। बता दें कि भारत वर्तमान में 220 से अधिक देशों को निर्यात करता है। इनमें 40 देशों को सबसे खास माना जाता है। ये देश वैश्विक स्तर पर 590 अरब डॉलर से अधिक के टेक्सटाइल और परिधान आयात करते हैं, जिसमें भारत की हिस्सेदारी अभी केवल 5 से 6 प्रतिशत है। ऐसे में भारत का मानना है कि अगर इन देशों में निर्यात बढ़ाया जाएगा तो अमेरिका से होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
गर्वनर रघुराम राजन ने दी चेतावनी
पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन ने भारत को रूसी तेल आयात पर अपनी नीति का पुनर्मूल्यांकन करने का सुझाव दिया। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि व्यापार अब युद्ध बन गया है। ऐसे में व्यापार में आसानी के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकरण और घरेलू फर्मों में मजबूत सुधार करने होंगे। प्रख्यात अर्थशास्त्री ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को बेहद चिंताजनक बताया। उन्होंने भारत सरकार की रणनीति से सहमति जताते हुए कहा कि यह एक चेतावनी है। हमें पूर्व की ओर देखना चाहिए। यूरोप, अफ्रीका की ओर देखना चाहिए और अमेरिका के साथ भी व्यापार जारी रखना चाहिए। हऐं ऐसे सुधार करने होंगे जिससे 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकें और अपने युवाओं को रोजगार दिला सकें।
नई रणनीति पर काम कर रहा भारत
भारत जिस नई रणनीति पर काम कर रहा उसके अनुसार 40 देशों के साथ पारंपरिक और उभरते दोनों बाजारों पर ध्यान दिया जाएगा। मुक्त व्यापार समझौते और इन देशों के साथ चल रही व्यापार वातार्एं तेज की जाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति न केवल अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक टेक्सटाइल बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित भी करेगी। अमेरिकी अधिकारियों को भी भारत की इस त्वरित और रणनीतिक प्रतिक्रिया से आश्चर्य हुआ है। भारत की इस योजना से न केवल उसकी आर्थिक लचीलापन का पता चलता है, बल्कि यह भी संदेश जाता है कि वह वैश्विक व्यापार की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है।