पद्मनाभस्वामी मंदिर में चमत्कार, गायब सोने की छड़, आई वापस 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। धन संपदा के लिए मशहूर पद्मनाभस्वामी मंदिर में चमत्कार हुआ है। मंदिर से सोने की एक छड़ गायब हो गई थी। जांच टीम को यह छड़ मंदिर परिसर में मिली है। हैरान करने वाली बात यह है कि न मंदिर का  ताला टूटा और न ही सीसीटीवी में कोई आता-जाता दिखा। इसके बावजूद मंदिर से गायब सोना अपने आप वापस आ गया। विश्व के सबसे अमीर मंदिर श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। देश के कोने-कोने से लोग भगवान विष्णु के अनंत शयन मुद्रा रूप के दर्शन करने पद्मनाभस्वामी मंदिर पहुंचते हैं। यह मंदिर अपने आप में कई रहस्यों को भी समेटे है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का रहस्य इसके रहस्यमयी दरवाजों में छिपा है। ऐसा माना जाता है कि इसकी रक्षा दो विशाल नाग करते हैं। अनंत शयन मुद्रा में विराजित पद्मनाभस्वामी की मूर्ति भगवान विष्णु की ब्रह्मांडीय नींद की स्थिति का प्रतीक है। यहां वह ब्रह्मांड को अस्तित्व में लाने का सपना देखते हैं। कहा जाता है इस मंदिर का खजाना एक प्राचीन अभिशाप से बंधा हुआ है। अब इसी ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर से गजब का मामला सामने आया है।  पद्मनाभस्वामी मंदिर से 13 संप्रभु सोने की एक छड़ गायब हो गई थी। अब वो मिल गई है। जांच टीम को ये छड़ मंदिर परिसर में ही मिली। पुलिस ने बताया कि सोने की छड़ मंदिर परिसर के अंदर रेत में डूबी हुई मिली। इसे खोजने के लिए स्निफर डॉग्स की मदद ली गई। ये 12 सेंटीमीटर लंबी सोने की वेल्डिंग रॉड थी। इसे सुनार ने गर्भगृह के दरवाजे से निकाले गए सोने से बनाया था। हैरानी की बात यह है कि सीसीटीवी में भी कोई न अंदर जाते दिखा न ही बाहर आते। सोने की छड़ें वहीं कैसे पहुंची यह हैरानी की बात है। सोने की छड़ें मंदिर से गायब होना और फिर अचानक मिल जाना यह सबको हैरान कर रहा है। कुछ लोग इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। छड़ों पर रेत भी लगी है। भक्तों ने कहा कि भगवान खुद अपने छड़ें वापस लेकर आए हैं। इसे लेकर तमाम तरह की चचार्एं शुरू हो गई हैं। बता दें कि 27 अप्रैल से गर्भगृह के दरवाजे को ठीक करने का काम चल रहा था। दरवाजे से सोने के धातु निकाले गए थे। इन्ही में से एक धातु को पिघलाकर वेल्डिंग रॉड बनाई गई थी। इसका इस्तेमाल दरवाजे पर सोने की प्लेटों को वेल्ड करने के लिए होना था। ये काम  7 मई तक चला। मंदिर के अधिकारियों ने सोने की सभी चीजों को एक कपड़े के बैग में डालकर स्ट्रांग रूम में रख दिया था। 8 और 9 मई को कोई काम नहीं हुआ। 10 मई को जब सुबह कपड़े का बैग निकाला गया तो रॉड गायब थी। पुलिस को शक था कि मंदिर का ही कोई व्यक्ति इसमें शामिल हो सकता है। पुलिस ने फुटेज में देखा कि जब कपड़े को स्ट्रांग रूम ले जाया गया था, तब रॉड मौजूद थी। किसी ने भी स्ट्रांग रूम नहीं खोला था। जिस व्यक्ति ने 7 मई कोस्ट्रांग रूम बंद किया था, उसी ने 10 मई की सुबह इसे खोला था।  फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों के पास सोना रखने की जिम्मेदारी थी उन पर उचित कानूनी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं डर की वजह से किसी ने चोरी की गई रॉड चुपचाप वापस तो नहीं रख दी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि यह घटना लापरवाही थी या सुनियोजित चोरी की एक नाकाम कोशिश है। वहीं भक्त इसे चमत्कारिक घटना मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह रहस्य से कम नहीं है। उनका मानना है कि बिना दरवाजा खुले और बिना किसी संदिग्ध के रॉड रेत में कैसे पहुंची।