जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के सबसे महंगे सैटेलाइट निसार की लॉन्चिंग के बाद अब इसरो एक और बड़े मिशन की तैयारी कर चुका है। इस साल सितंबर में इसरो अमेरिकी सैटेलाइट ब्लॉक-2 ब्लूबर्ड को अपने सबसे भारी रॉकेट एलवीएम-3 एम 5 के जरिए अंतरिक्ष में भेजेगा। इसकी लांचिंग होते ही लोगों का स्मार्टफोन सीधे अंतरिक्ष से जुड़ जाएगा।
30 जुलाई को लांच किया था निसार
भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। 30 जुलाई को दुनिया का सबसे महंगा अर्थ आब्जर्वेशन मिशन निसार लांच करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अब अमेरिका का 6,500 किलोग्राम वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लॉक-2 ब्लूबर्ड लॉन्च करेगा। इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने इस मिशन की जानकारी दी। वी. नारायणन का कहना है कि इसरो एक बड़े अमेरिकन कम्यूनिकेशन्स सैटेलाइट्स को लांच करेगा। जिसके जरिए अंतरिक्ष में मौजूद डायरेक्ट कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करके फोन कॉल्स की जा सकेंगी। इसरो द्वारा लांच की जाने वाली अमेरिकन कम्यूनिकेशन्स सैटेलाइट्स आधुनिक तकनीक से युक्त और मौजूदा टेलीफोन सर्विस टेक्नोलॉजी की तुलना में काफी मॉर्डन है। इसे आसान भाषा में समझे तो इस अमेरिकन सैटेलाइट को लॉन्च करने के बाद फोन कॉल्स करने के लिए टॉवर्स का होना अनिवार्य नहीं होगा। यानी बिना फोन टॉवर्स के अंतरिक्ष में मौजूद कम्यूनिकेशन सैटेलाइट के जरिए डायरेक्ट फोन कॉल की जा सकेगी। इस टेक्नोलॉजी के जरिए पहाड़ी, जंगल या किसी दूर-दराज इलाके में रहने वाले आम लोग भी अपने साधारण फोन से किसी को भी कॉल कर पाएंगे।
ब्लूबर्ड में 64.38 वर्ग मीटर का कम्युनिकेशन
ब्लॉक-2 ब्लूबर्ड में 64.38 वर्ग मीटर का कम्युनिकेशन एरे लगा है। जो सीधे मोबाइल फोन्स से कनेक्टिविटी स्थापित कर सकता है। यह सैटेलाइट 3जीपीपी-स्टैंडर्ड फ्रीक्वेंसी पर काम करेगा। दुनिया के प्रमुख टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर 3 जी, 4 जी और 5 जी नेटवर्क पर वॉइस, डेटा और वीडियो सेवाएं उपलब्ध कराएगा। ब्लूबर्ड सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सीधे स्मार्टफोन में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाएगा। इसके लिए किसी विशेष टर्मिनल की जरूरत नहीं होगी। इसमें लगे बड़े कम्युनिकेशन एरे करीब 2,400 वर्ग फीट की मदद से यह 12 एमवीपीएस तक की डेटा ट्रांसमिशन स्पीड देगा।
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने की तैयारी
इसके अलावा भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने की तैयारी भी चल रही है। एलन मस्क की स्टारलिंक, जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों को भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने का अप्रूवल मिल चुका है। दूरसंचार विभाग जल्द ही स्पेक्ट्रम अलोकेशन को हरी झंडी देगा। जिसके बाद इन कंपनियों की सर्विस लॉन्च हो जाएगी। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर्स स्टारलिंक ने कुछ महीने पहले ही डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी को टेस्ट किया है। इसमें भी यूजर्स का फोन डायरेक्ट सैटेलाइट से कनेक्ट होगा। इस सर्विस का लाभ इमरजेंसी के दौरान लिया जा सकता है। बता दें कि इसरो चीफ को चेन्नई से सटे कट्टनकुलथुर स्थित एसआरएम इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने कहा कि इसरो की स्थापना और लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसरो की कामयाबी की यात्रा के बारे में कहा कि 30 जुलाई 2025 एक ऐतिहासिक दिन बन गया। जब हमने दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट निसार लॉन्च किया। आज भारत अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।