हिंसक हो गया लद्दाख में प्रदर्शन, भाजपा कार्यालय को बनाया निशाना

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर लेह में जारी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पत्थरबाजी हुई। जिसमें कई लोग घायल हो गए। गुस्साई भीड़ ने सीआरपीएफ की गाड़ी और पुलिस की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। साथ ही भाजपा आफिस में आग लगा दी।
छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग 

लद्दाख की सड़कों पर पिछले कई दिनों से गुस्सा उबाल मार रहा है। यह गुस्सा लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर है। यह आंदोलन आज अचानक उग्र हो गया। लेह में दो महिला प्रदर्शनकारियों के बीमार पड़ने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद तनाव बढ़ गया। लद्दाख में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई है। छात्रों ने सीआरपीएफ की गाड़ी में आग लगा दी है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए। गुस्साई भीड़ ने सीआरपीएफ की गाड़ी, पुलिस वैन और कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, भीड़ ने लेह स्थित बीजेपी दफ्तर को भी निशाना बनाया और वहां आगजनी की। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कार्यालय से धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया।
लेह एपेक्स बॉडी कर रही नेतृत्व

आंदोलन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी कर रही है। एलएबी की युवा इकाई ने प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया था। पहले यह आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। लोगों का कहना है कि 35 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को सामने आना पड़ा। इस आंदोलन की सबसे बड़ी आवाज बनकर आए पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक का भी अनशन 15वें दिन में पहुंच चुका है। वांगचुक का कहना है कि बीजेपी ने वादा किया था कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किया जाएगा। पांच साल बीत जाने के बाद भी यह वादा अधूरा है। संविधान दो साल में बन गया था, लेकिन हमारी बात पर अब तक चर्चा पूरी नहीं हुई। लोगों का सब्र टूट रहा है। हम नहीं चाहते कि कुछ ऐसा हो जिससे भारत की छवि को धक्का लगे।
गृह मंत्रालय ने की  घोषणा 

लगातार बढ़ते गुस्से के बीच गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल के साथ अगले दौर की बातचीत होगी। एलएबी की युवा इकाई ने साफ कर दिया है कि जब तक राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर लद्दाख के लोगों का कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध से अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ। वे जल्द से जल्द ठोस समाधान चाहते हैं। यही वजह है कि लेह में गुस्से की आग सड़कों तक फैल गई और हालात हिंसा में बदल गए। बता दें कि वांगचुक ने चार प्रमुख मांगे रखी हैं। इनमें लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग रखी गई है। वहीं दूसरी मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। तीसरी मांग है कि लद्दाख में दो लोकसभा सीटें होनी चाहिए। वहीं चौथी मांग है कि लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा दिया जाए।