भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए डीआरडीओ विकसित कर रहा खास तोप 

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए डीआरडीओ खास तोप विकसित कर रहा है। ये तोप वजन में हल्की होगी। वहीं इसकी मारक क्षमता दुनिया की सबसे घातक तोपों के बराबर होगी। इस तोप को एडवांस्ड लाइट टोड गन सिस्टम नाम दिया गया है। 
हर जगह सेना को मिलेगी नई ताकत 

थार का मरुस्थल हो या सियाचिन के ग्लेशियर अब हर जगह सेना को नई ताकत मिलेगी। इसके लिए डीआरडीओ खास तरह की तोप विकसित कर रहा है। यह तोप पहाड़, रेगिस्तान या जंगल हर जगह आग के गोले बरसाएगी। इंडियन आर्मी के लिए एक साथ 3000 तोप बनाने की तैयारी चल रही है। इसका नाम एडवांस्ड लाइट टोड गन सिस्टम यानी एएलटीजीएस रखा गया है। यह भारत के स्वदेशी एडवांस्ड टॉवेड आर्टिलरी गन सिस्टम एटीएजीएस का हल्का वर्जन है। बता दें कि एटीएजीएस पारंपरिक होवित्जर  तोप की तरह काम करती है। वहीं एएलटीजीएस को खास तौर से ऊंचे पहाड़ों और दुर्गम क्षेत्रों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है।
ऊंचे और पहाड़ी स्थलों पर तैनाती

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख से लेकर सिक्किम और अरुणाचल तक भारत की सीमाएं बेहद दुर्गम हैं। कई जगह जवानों को 15 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात रहना पड़ता है। ऐसी ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में भारी हथियार तैनात करना मुश्किल होता है। ऐसे में एडवांस्ड लाइट टोड गन सिस्टम का विकास इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए जल्द से जल्द 400 एडवांस्ड लाइट टोड गन सिस्टम खरीदने की योजना को मंजूरी दी है। इन हल्की तोपों का वजन 15 टन से कम होगा। सबसे बड़ी बात यह होेगी कि एडवांस्ड लाइट टोड गन सिस्टम में सारी खूबियां एटीएजीएस की तरह ही होंगी।
कई चीजों का रखा गया ध्यान

डीआरडीओ ने इस तोप को बनाने में कई चीजों को ध्यान में रखा है। वैज्ञानिकों के अनुसार एएलटीजीएस में यह सुनिश्चित किया गया है कि वजन कम होने के कारण इसकी मारक क्षमता एटीएजीएस से कम नहीं होनी चाहिए। बता दें कि आधुनिक तोप उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम एटीएजीएसेको भी डीआरडीओ ने ही तैयार किया है। इसे पुणे में मौजूद आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान यानी एआरडीई के साथ मिलकर, बनाया गया है। इसमें भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने भी सहयोग  दिया है। इसके बारे में एआरडीई के निदेशक ए. राजू का कहना है कि एटीएजीएस तोप दुनिया की सबसे बेहतरीन तोप प्रणालियों में से एक है। यह 155 मिमी / 52 कैलिबर की तोप है और इसकी अधिकतम मारक दूरी 48 किलोमीटर है। इसमें 25 बमों की क्षमता वाला बैरल है और यह जोन सात में फायर कर सकती है। फिलहाल इसके लिए इस्तेमाल होने वाला गोला बारूद अनगाइडेड है, लेकिन हम गाइडेड यानी सटीक निशाना लगाने वाले गोले विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं।'
एटीएजीएस तोपों का आॅर्डर दिया 

बता दें कि भारतीय सेना ने मार्च 2025 में 307 एटीएजीएस तोपों का आर्डर दिया था। इस आॅर्डर को भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा गया है। यानी 60 प्रतिशत तोपें भारत फोर्ज बनाएगा और 40 प्रतिशत टाटा कंपनी। ये सभी तोपें पांच साल की अवधि में सेना को सौंपी जाएंगी। एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर आर. पी. पांडेय का कहना है कि यह तोप डीआरडीओ और निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से बनाई गई है। इसकी फायरिंग कैपेसिटी जोन सात है। जिससे यह 48 किलोमीटर तक निशाना साध सकती है। यह पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है और 75 प्रतिशत तक देश में ही बनी हुई है।