भारतीय नौसेना ने तीन युद्धपोतों को दक्षिण चीन सागर में किया तैनात

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भारत ने नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत ने चीन की नाक के नीचे पूर्वी बेड़ा तैनात कर ड्रैगन को कड़ा संदेश दिया है। भारतीय नौसेना के इस कदम से चीन बुरी तरह से तिलमिला गया है।

चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी

भारतीय नौसेना ने समंदर में चीन पर जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती गतिविधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपने युद्धपोतों को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है। भारत के इस कदम की चीन को भनक तब लगी जब नौसेना के तीन युद्धपोत सिंगापुर पहुंच गए। इन तीनों युद्धपोतों में गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस दिल्ली, दीपक क्लास फ्लीट टैंकर आईएनएस शक्ति और एंटी सबमरीन वॉरफेयर कॉर्वेट आईएनएस किल्टन शामिल हैं।

विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने की योजना

फ्लैग आॅफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल राजेश धनखड़ के नेतृत्व में पहुंचे इस बेड़े का सिंगापुर की नौसेना और भारत के उच्चायुक्त ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सैन्य सूत्रों ने इस यात्रा को दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का हिस्सा बताया है। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और मजबूत करना है। युद्धपोतों के बंदरगाह में प्रवास के दौरान विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने की योजना है।

भारत-सिंगापुर नौसेनाओं के बीच मजबूत संबंध

सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा में सिंगापुर की नौसेना के साथ पेशेवर बातचीत के साथ-साथ अकादमिक और सामुदायिक आउटरीच सहित अन्य गतिविधियों को शामिल किया गया है। बता दें कि दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच तीन दशकों से सहयोग, समन्वय, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और पारस्परिक प्रशिक्षण व्यवस्थाओं के साथ मजबूत संबंध रहे हैं। वर्तमान में समंदर में युद्धपोतों की तैनाती दोनों नौसेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को रेखांकित करती है।

भारतीय युद्धपोतों ने बढ़ाई चीन की टेंशन 

बता दें कि चीन दक्षिण चीन सागर के 80 प्रतिशत इलाके पर अपनी दावेदारी पेश करता है। बावजूद इसके दक्षिण चीन सागर से सटे देश चीन के इस दावे को नहीं मानते हैं। वहीं, भारत के साथ चीन का बीते कई वर्षों से सीमा विवाद चल रहा है। ऐसे में दक्षिण चीन सागर में भारतीय युद्धपोतों की मौजूदगी ने चीन की टेंशन बढ़ा दी है। क्योंकि, भारतीय नौसेना के उसकी नाक के नीचे रहने से अब चीन को दक्षिण चीन सागर पर भी अपना ध्यान केंद्रित करना पड़ेगा।