अनोखे ग्रह में एक तरफ अंधेरा तो दूसरी तरफ उजाला, वैज्ञानिक भी हैरान

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अनोखा ग्रह खोजा है जहां एक तरफ रोशनी है तो दूसरी ओर पूरा अंधेरा है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम एलएचएस 3844 बी नाम दिया है। इस रहस्यमयी जगह ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है।
सोलर सिस्टम के बाहर भी एक रहस्यमय दुनिया 

हमारे सोलर सिस्टम के बाहर भी एक रहस्यमय दुनिया है। इसे लेकर नई-नई खोजें होती रहती हैं। अब वैज्ञानिकों ने खोज के दौरान बेदह हैरान करने वाला खुलासा किया है। उनके अनुसार सौरमंडल के बाहर एक ऐसा ग्रह मिला है जिसका एक हिस्सा हमेशा अपने तारे की रोशनी में रहता है। वहीं दूसरा हिस्सा अंधेरे में डूबा रहता है। यह पहली बार है जब वैज्ञानिकों को किसी दूसरे सौरमंडल में में ऐसा ग्रह मिला है। एस्ट्रोनॉमर्स द्वारा खोज गए इस ग्रह की जानकारी द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपी है। 
द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपी रिपोर्ट 

द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने खोजे गए इस नए ग्रह को एलएचएस 3844 बी नाम दिया है। इसके अलावा इस ग्रह को कुआ कुआ नाम से भा जाना जाता है। बता दें कि कोस्टा रिका के ब्रिबरी भाषा में कुआ कुआ को तितली कहते हैं। यह ग्रह अपने तारे बत्सु के बहुत करीब है। जिसकी वजह से एक तरफ हमेशा दिन और दूसरी तरफ रात रहती है। यह तारा रेड ड्वार्फ है, जो धरती से 48.5 लाइट-ईयर दूर इंडस नक्षत्र में है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे और भी ग्रह हमारी आकाशगंगा में हो सकते हैं। यह पहली बार है जब किसी एक्सोप्लैनेट पर टाइडल लॉकिंग को कन्फर्म किया गया है। अगर आप भी इस ग्रह को ठीक से समझना चाहते हैं तो चंद्रमा को देखें। बता दें कि चांद का एक हिस्सा धरती की तरफ रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण बल चांद के घूमने की गति को धीमा कर देता है। ऐसे में माना जा रहा कि यह ग्रह भी अपने तारे के नजदीक है। है. वैज्ञानिकों ने नए ग्रह का तापमान देखकर ये अंदाजा लगाया कि यह ग्रह भी टाइडल लॉकिंग का शिकार है। बता दें कि टाइडल लॉकिंग का मतलब है कि ग्रह का रोटेशन और आॅर्बिट पीरियड एक समान हो जाता है, जैसे चंद्रमा हमेशा धरती को एक ही तरफ दिखाता है। यह 11 घंटे में तारे का चक्कर लगाता है, इसलिए एक तरफ हमेशा सूरज की रोशनी और दूसरी तरफ अंधेरा रहता है। यह गुरुत्वाकर्षण फोर्स की वजह से होता है, जो ग्रह को लॉक कर देता है।
ग्रह को खोजने के लिए खास मॉडल तैयार 

वैज्ञानिकों ने इस ग्रह को खोजने के लिए खास मॉडल तैयार किया। जिसमें वायुमंडल नहीं है। यह पूरी जानकारी स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप से मिली है। अगर कोई ग्रह अपने तारे के साथ टाइडल लॉक में नहीं होता तो उसका तापमान बढ़ता जाता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस ग्रह का तापमान उनके बनाए मॉडल की तुलना में काफी कम है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पूरे ग्रह की विस्तार से जानकारी चाहिए तो ज्यादा ताकतवर टेलीस्कोप की जरूरत ह। इससे इस ग्रह के बार में ज्यादा से ज्यादा रिसर्च किया जा सकेगा।

धरती से 1.32 गुना बड़ा रेडियस

यह सुपर-अर्थ है, जिसका रेडियस धरती से 1.32 गुना बड़ा और मास 2.25 गुना है। दिन की तरफ वाले भाग का तापमान 77 सेंटीग्रेट तक पहुंच जाता है। वहीं रात्रि वाला भाग बहुत ठंडा है। ग्रह पर कोई मोटा वायुमंडल नहीं है, इसलिए गर्मी नाइट साइड पर नहीं पहुंच पाती। यह ग्रह चंद्रमा या बुध जैसा लगता है। स्टडी से पता चला कि ग्रह पर वायुमंडल बहुत पतला या न के बराबर है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसके तारे की रेडिएशन गैसें उड़ चुकी हैं। अनुमाल लगाया गया है कि अगर वायुमंडल होता, तो गर्मी नाइट साइड पर ट्रांसफर होती। ऐसे में देखा जाए तो इसका तापमान बिना वायुमंडल के ग्रह से मैच करता है।