जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका और पड़ोसी देश चीन भारत की मुश्किलें बढ़ाने में लगे हैं। एक ओर जहां अमेरिका पाकिस्तान को खतरनाक एआईएम-120 मिसाइलें देने की तैयारी कर रहा है वहीं चीन बांग्लादेश को 20 नए फाइटर जेट बेचने वाला है। ये दोनों खबरें भारत के लिए चिंता पैदा कर रही हैं। वहीं भारत ने भी अमेरिका और चीन की साजिश का तोड़ निकाल लिया है।
बड़ी साजिश रच रहे हैं चीन-अमेरिका
भारत के खिलाफ अमेरिका और पड़ोसी देश चीन बड़ी साजिश रच रहे हैं। बता दें कि पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते इन दिनों सुधर रहे हैं। मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों का सैन्य टकराव हुआ था। उसके बाद दोनों देशों के बीच बातचीत बढ़ी है। अमेरिका ने पाकिस्तान को एआईएम-120 मिसाइलें देने का प्लान बनाया है। ये मिसाइलें बेहद एडवांस्ड हैं। ये हवा में दुश्मन के विमान को दूर से ही मार गिरा सकती हैं। रेथियॉन कंपनी को 41.6 मिलियन डॉलर का एक्स्ट्रा आर्डर दिया गया है। ये मिसाइलों के सी8 और डी3 वर्जन के लिए है। कुल डील की वैल्यू 2.51 बिलियन डॉलर हो गई है। इसमें पाकिस्तान के अलावा ब्रिटेन, पोलैंड, जर्मनी, आस्ट्रेलिया जैसे 30 से ज्यादा देश शामिल हैं। यह काम मई 2030 तक पूरा होगा।
20 जे-10सीई फाइटर जेट बेचेगा चीन
बांग्लादेश चीन से 20 जे-10सीई फाइटर जेट खरीदने वाला है। ये सौदा 2.2 बिलियन डॉलर का है। इसमें ट्रेनिंग, मेंटेनेंस और दूसरे खर्चे भी शामिल हैं। ये जेट्स 2026-2027 में डिलीवर होंगे। इसकी पेमेंट 10 सालों में यानी 2036 तक करनी होगी। बता दें कि जे-10सीई चीन के जे-10 सी का एक्सपोर्ट वर्जन है। यह चीनी एयर फोर्स में पहले से इस्तेमाल हो रहा है। हर जेट की बेस प्राइज 60 मिलियन डॉलर है। दूसरी ओर भारत ने भी अमेरिका और चीन से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है।
एसयू-30 एमकेआई में लगेगी मिसाइल
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि एसयू-30 एमकेआई में इजरायल की घातक रैम्पेज मिसाइल लगाई जाएगी। यह एयरफोर्स के आपरेशन और मारक क्षमता के लिहाज से बेहद अहम कदम माना जा रहा है। साथ ही दुश्मनों के लिए यह किसी दुस्वप्न से कम नहीं है। आॅपरेशन सिंदूर के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था। इस मिसाइल ने पाकिस्तान में व्यापक पैमाने पर तबाही मचाई थी। एयरफोर्स की ओर से जारी शॉर्ट वीडियो में आपरेशन सिंदूर के दौरान मिसाइल लॉन्च का फुटेज दिखाया गया है। यह वीडियो हेलमेट कैमरे से रिकॉर्ड किया गया था। जिसमें दो एसयू-30 एमकेआई फाइटर जेट हिमालयी क्षेत्र में उड़ान भरते नजर आ रहे हैं। इसके बाद एक विमान के विंग पर लगे पाइलन से 570 किलोग्राम वजनी रैम्पेज मिसाइल दागी गई। वीडियो में मिसाइल सटीकता से अपने लक्ष्य को भेदती दिखाई देती है। विस्फोट के बाद कई सेकेंडरी ब्लास्ट्स भी नजर आते हैं। यह लक्ष्य के पूर्ण रूप से नष्ट होने की पुष्टि करते हैं। वायुसेना अधिकारी के अनुसार यह एसयू-30 एमकेआई से रैम्पेज मिसाइल के पहले आॅपरेशनल इस्तेमाल का उदाहरण है। इस सफलता के पीछे डीआरडीओ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर अपग्रेड्स की अहम भूमिका है।
बेहद खतरनाक है रैम्पेज मिसाइल
बता दें कि रैम्पेज मिसाइल एयर-टू-सरफेस यानी हवा से सतह पर मार करने वाला वेपन सिस्टम है। यह सुपरसोनिक मिसाइल 1 से 1.6 मैक की स्पीड से टारगेट पर हमला करती है। रैम्पेज मिसाइल की रफ्तार 1975 किलोमीटर प्रति घंटे की है। यह मिसाइल 570 किलो बारूद से भरी होती है, जो किसी भी लक्ष्य को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है। इंडिया डिफेंस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रैम्पेज मिसाइल को एयर डिफेंस सिस्टम से पकड़ पाना काफी मुश्किल है। इस तरह एस-400, थॉड या आयरन डोम भी इस मिसाइल को जल्दी पकड़ नहीं सकेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत अब रैम्पेज मिसाइल के स्थानीय उत्पादन पर भी विचार कर रहा है। जिससे सप्लाई चेन मजबूत होगी। साथ ही मेक इन इंडिया नीति को बढ़ावा मिलेगा। ब्रहमोस मिसाइल के सफल घरेलू निर्माण की तर्ज पर, रैम्पेज मिसाइल का स्थानीय उत्पादन भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम साबित हो सकता है।