50 लाख साल पहले धरती पर

50 लाख साल पहले धरती पर कैसे आई महाप्रलय, हुआ खुलासा
जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। 50 लाख साल पहले धरती पर कैसे महाप्रलय आई थी। इसको लेकर वैज्ञानिकों ने चाैंकाने वाला खुलासा किया है। रिसर्च के अनुसार भीषण बाढ़ से हर ओर तबाही ही तबाही दिखाई दे रही थी। धरती का बड़ा भाग अचानक पानी में समा गया। वहीं देखते ही देखते पूरे भूमध्य सागर को बाढ़ ने निगल लिया था। आज से करीब 50 लाख साल पहले धरती पर एक ऐसी बाढ़ आई थी जिसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यह बाढ़ इतनी बड़ी थी कि इसने जिब्राल्टर यानी भूमध्य सागर में एक चट्टानी प्रायद्वीप और सिसिली भूमध्य सागर के सबसे बड़े द्वीप के बीच की जमीन को तोड़ दिया था। कुछ ही सालों में पूरे भूमध्य सागर को पानी से भर दिया। वैज्ञानिकों ने अब इस महाबाढ़ के बारे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।  वैज्ञानिकों का मानना है कि अटलांटिक महासागर का पानी जिब्राल्टर की जगह से भूमध्य सागर में घुसा था।  वैज्ञानिकों का मानना था कि भूमध्य सागर पहले एक सूखी और नमकीन घाटी जैसा था। महासागर का पानी एक किलोमीटर ऊंची ढलान से तेजी से नीचे गिरा। इसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि एक तेज रफ्तार कार भी उसके आगे धीमी पड़ जाए। इस पानी ने अपने रास्ते में इतनी गहरी खाई बना दी, जिसमें गगनचुंबी इमारत भी समा जाए। सबसे हैरानी की बात यह है कि इतना सारा पानी सिर्फ कुछ ही सालों में शायद कुछ महीनों में ही पूरे भूमध्य सागर में भर गया। जब यह बाढ़ अपने चरम पर थी, तो इसने आधुनिक अमेज़न नदी से करीब 1,000 गुना ज्यादा पानी बहा दिया। यह थ्योरी रिसर्च में पेश की गई है। इसमें जिब्राल्टर के पास समुद्र के नीचे मिली एक बड़ी घाटी का अध्ययन किया गया था। माना जाता है कि यह घाटी इसी विशाल बाढ़ की वजह से बनी थी। हाल ही में वैज्ञानिकों ने ज़ैंकलीन युग की तलछटी चट्टानों की जांच की। ये चट्टानें बताती हैं कि कैसे आधुनिक सिसिली और अफ्रीका के बीच की जगह से पानी पूर्वी भूमध्य सागर में दोबारा भरा। यह खोज एक लंबी कहानी का नया मोड़ है जो 19वीं सदी के आखिर में शुरू हुई थी। उस समय वैज्ञानिकों ने भूमध्य सागर के आसपास नमक से भरी चट्टानों का अध्ययन किया था। जिसमें उन्होंने पाया कि करीब 50 से 60 लाख साल पहले अजीब घटनाएं हुई थी। इसमें हिम युग से पहले भूमध्य सागर सूख गया था। वैज्ञानिकों ने उस समय को मेसिनियन नाम दिया और इस सूखने की घटना को मेसिनियन नमक संकट कहा गया। 1970 के दशक में वैज्ञानिकों ने पहली बार भूमध्य सागर के नीचे मेसिनियन युग की तलछटी चट्टानों में गहराई तक ड्रिल की। उन्हें तीन चौंकाने वाली चीजें मिलीं। पहली समुद्र तल के नीचे नमक की बेहद मोटी परत मिली। जो हजारों किलोमीटरों तक फैली थी। इससे पता चला कि करीब 60 लाख साल पहले एक बड़ा बदलाव आया था, जब टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल हुई। इसके बाद समुद्र अटलांटिक महासागर से लगभग पूरी तरह अलग हो गया था वीओ