जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। सबसे गर्म ग्रह सूरज को लेकर नई खोज ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। नए अध्ययन के अनुसार आग उगलने वाला सूरज अंदर से ठंडा है। सबसे बड़े सोलर टेलीस्कोप से खींची तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है। यह बात हम सभी जानते हैं कि सूर्य हमारे साैरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है। उसके आस-पास जाने की कोशिश करने वाला पलभर में खाक हो जाता है। अब नए अध्ययन में सूर्य को लेकर चाैंकानी वाली जानकारी समाने आई है। डैनियल के इनौये सोलर टेलीस्कोप द्वारा जारी की गई सूर्य की नवीनतम तस्वीरें अद्भुत रहस्यों को उजागर कर रही हैं। इन तस्वीरों में सूर्य के धब्बे और तीव्र चुंबकीय गतिविधि स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। यह तस्वीरें ऐसे समय में जारी की गई हैं जब सूर्य अपने 11 वर्षीय सौर चक्र के सबसे सक्रिय चरण की ओर बढ़ रहा है। यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन के नए विजिबल ट्यूनेबल फिल्टर द्वारा ली गई पहली तस्वीर में सूर्य की सतह पर विशाल सनस्पॉट का एक संग्रह दिखाया गया है। ये सनस्पॉट आकार में विशाल हैं। ये लगभग एक महाद्वीप के आकार के बराबर और हजारों मील तक फैले हुए हैं। यह हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीर सूर्य की सतह के रहस्यों को उजागर कर रही है। यह वैज्ञानिकों को सूर्य की गतिविधियों को समझने में मदद करेगी। इन सनस्पॉट के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य की सतह पर दिखने वाले ये स्पॉट तीव्र चुंबकीय गतिविधि के क्षेत्र होते हैं। ये सूर्य के चक्र के दौरान बदलते रहते हैं। बता दें कि सूर्य का 11 वर्षीय सौर चक्र अपने चरम पर पहुंच रहा है। जिससे इस तरह की गतिविधियां बढ़ गई हैं। सनस्पॉट के बारे में अंतर्राष्ट्रीय सौर चक्र पूर्वानुमान पैनल और नासा ने अपने अनुमान बताए हैं। नासा के अनुसार सूर्य अपनी सौर अधिकतम या गतिविधि के शिखर पर पहुंच गया है। इस शिखर के दौरान, सूर्य का चुंबकीय ध्रुव उलट रहा है। जिससे इसकी सतह पर अधिक सनस्पॉट दिखाई दे रहे हैं। ये सनस्पॉट ठंडे और सक्रिय क्षेत्र में परिवर्तितहो चुके हैं। ये सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन यानी सीएमई जैसे बड़े सौर विस्फोटों का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस परिवर्तन पर अपनी चिंता भी जाहिर की है। उनके अनुसार ये सौर विस्फोट अंतरिक्ष में आवेशित कणों को बाहर निकालते हैं। ये पृथ्वी पर पहुंचकर उपग्रहों, बिजली की आपूर्ति और संचार प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं। फ्रेडरिक वोएगर, एनएसएफ इनौये सोलर टेलीस्कोप के उपकरण कार्यक्रम के वैज्ञानिकों ने भी इस प्रक्रिया को लेकर अपना अनुमान बताया है। उनके अनुसार 1800 के दशक में एक सौर तूफान आया था। यह बेहद ऊर्जावान था। इससे टेलीग्राफ स्टेशनों में आग लग गई थी। ऐसे में नई घटनाओं के भौतिक चालकों को समझना और उनके प्रभावों को जानना आवश्यक हो गया है। वैज्ञानिक सनस्पॉट को चुंबकीय प्लग की तरह बताते हैं। उनके अनुसार ये सूर्य की सतह पर आने वाली कुछ गर्मी को रोकते हैं। इससे वे सूर्य की सतह के बाकी हिस्सों की तुलना में गहरे और ठंडे दिखते हैं।
सबसे गर्म ग्रह सूरज को लेकर नई खोज
05-May-2025