जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान को लेकर बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हर छठा आदमी भिखारी है। हैरान करने वाली बात यह है कि भीख मांगने का नेटवर्क विदेशों तक फैला है। इससे सालाना 117 ट्रिलियन रुपए की कमाई हो रही है।
पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था
बदहाल अर्थव्यवस्था की चपेट में आए पाकिस्तान में सबसे अहम पेशों में से एक भीख मांगना बन गया है। पाकिस्तान की कुल आबादी 23 करोड़ की है और इसमें से तकरीबन 4 करोड़ लोग भीख मांग रहे हैं। यानी पाकिस्तान का हर छठां आदमी भीख मांगता है। पाकिस्तानी न सिर्फ अपने देश में भीख मांग रहे हैं बल्कि विदेशों में भी इसी पेशे को अपना रहे हैं। पाकिस्तान सरकार के सामने भिखारियों के चलते अपनी वैश्विक छवि को संभालना मुश्किल हो रहा है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार एक भिखारी की राष्ट्रीय औसत आय प्रतिदिन 850 पाकिस्तानी रुपए है। इन भिखारियों को कथित तौर पर हर दिन 32 अरब रुपए भीख मिलती है। यह सालाना 117 ट्रिलियन रुपए होता है। अमेरिकी डॉलर में पाकिस्तानी भिखारियों की सालाना आय 42 अरब डॉलर है।
दूसरे देशों से मदद मांग रहा पाकिस्तान
बता दें कि अर्थव्यवस्था के खस्ताहाल होने के साथ पाकिस्तान वित्तीय मदद के लिए दूसरे देशों और संस्थाओं से गुहार लगा रहा है। वहीं देश के नागरिक भीख मांगने के पेशे को अपनाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 3.8 करोड़ लोग निकम्मे बन चुके हैं। वे बिना मेहनत किए सालाना 42 अरब डॉलर कमा रहे हैं। इसका भार सीधे तौर पर देश की बाकी आबादी पर पड़ रहा है। यह महंगाई बढ़ने की वजह बनता जा रहा है। अगर ये सभी लोग कमाई करने लगें तो देश की हालत में सुधार हो सकता है। पाकिस्तान में बिजनेस एंड सोसाइटी सेंटर की रिपोर्ट कहती है कि देश में भीख मांगने का चलन इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि इससे दूसरे अकुशल श्रम की तुलना में ज्यादा कमाई हो रही है।
एएचआरसी ने रिपोर्ट में जताई चिंता
एशियाई मानवाधिकार आयोग यानी एएचआरसी की रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जाहिर की गई है। जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की 2.5 से 11 प्रतिशत आबादी की जीविका के लिए भीख मांगना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। आने वाले दिनों में इससे पाकिस्तान एक भयानक आर्थिक संकट में फंस सकता है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून का आंकड़ा है कि देश के प्रमुख शहरी केंद्रों की सड़कों पर करीब 12 लाख बच्चे घूमते हैं। ये भी भीख मांगने के काम में लगे रहते हैं।
डॉन की रिपोर्ट के खुलासा
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार भीख मांगने के काम के कारण पाकिस्तान पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है। बता दें कि सड़कों पर भीख मांगने के ये आंकड़े विदेश यात्रा करने वाले व्यक्तियों और सामाजिक संस्थाओं ने जुटाए हैं। ये आंकड़े इसलिए जमा किए जा रहे हैं क्योंकि विदेशों में पकड़े गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी मूल के हैं। इराकी और सऊदी राजदूतों ने पाकिस्तान सरकार से इसकी शिकायत तक की है। पाकिस्तान सरकार ने हजारों ऐसे पासपोर्ट निलंबित किए हैं जो धार्मिक तीर्थयात्रा की आड़ में सऊदी अरब, इराक और ईरान जैसे देशों में जाकर भीख मांगते हैं। पिछले ढाई वर्षों में सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों से 44,000 भिखारियों को वापस पाकिस्तान भेजा जा चुका है।