जनप्रवाद ब्यूरो नई दिल्ली। भारत ने ऐसे नए स्ट्रैटजिक बॉम्बर पर काम शुरू कर दिया है जिसका तोड़ दुनिया में किसी देश के पास नहीं है। यह युद्धकाल में मास्टरस्ट्रोक साबित होगा। यह बिना रिफ्यूलिंग 12000 किलोमीटर तक दुश्मन पर हमला कर सकता है। इसकी जद में सिर्फ चीन-पाकिस्तान ही नहीं अमेरिका भी होगा।
भारत की रक्षा नीति में बड़ा बदलाव
भारत की रक्षा नीति में बड़ा बदलाव आने वाला है। भारत अब न केवल रक्षाक्षेत्र में तकनीक और आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहा है बल्कि पूरी दुनिया में खुद को शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करने पर काम कर रहा है। इस बदलाव का प्रतीक भारतीय वायुसेना के लिए प्रस्तावित एक अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज स्ट्रैटजिक बॉम्बर है। इसकी मारक क्षमता 12000 किलोमीटर से अधिक होगी। यानी यह भारत से उड़ान भरकर अमेरिका के किसी भी शहर को बिना रुकावट निशाना बना सकता है। यह रूसी टीयू-160 ब्लैकजैक और अमेरिकी बी-21 जैसे बॉम्बर्स को भी पीछे छोड़ देगा। यह भारत का अगला बड़ा सैन्य दांव माना जा रहा है।
हर क्षेत्र के विकास पर भारत का जोर
भारत का जोर केवल एक क्षेत्र में विकास नहीं बल्कि तीनों सेनाओं को मजबूत करने पर है। जल-थल और वायु तीनों सेनाओं का आधुनिकीकरण तेजी से हो रहा है। मिसाइल और सबमरीन के जरिए भारत की परमाणु क्षमता पहले से ही सक्षम थी। अब स्ट्रैटजिक एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म यानी खतरनाक बॉम्बर से भारत की रणनीतिज्यादा मजबूत हो जाएगी। यह बॉम्बर्स किसी भी समय, किसी भी दूरी से, दुश्मन को सर्जिकल या न्यूक्लियर स्ट्राइक से तबाह कर सकेगा। यह भारत के डिफेंस सेक्टर को नया आयाम देने वाला होगा।
प्रोजेक्ट को यूएलआरए दिया नाम
रक्षा मंत्रालय और एयरफोर्स ने इस प्रोजेक्ट को अल्ट्रा लॉन्ग-रेंज स्ट्राइक एयरक्राफ्ट यानी यूएलआरए नाम दिया है। अभी यह कॉन्सेप्ट और डिजाइन फेज में है। इनिशियल रिसर्च और डमी मॉडल्स पर काम शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि 2032-2035 के बीच इसका पहला प्रोटोटाइप युद्धक विमान उड़ सकता है। भारत को इस विमान की इसलिए जरूरत है क्योंकि आज की दुनिया में लड़ाइयों का तरीका बदल गया है। अब युद्ध सिर्फ फ्रंटलाइन पर नहीं, बल्कि साइबर, स्पेस और लॉन्ग-रेंज एयरस्ट्राइक के जरिए लड़ा जा रहा है। चीन ने एच-20 स्ट्रैटजिक बॉम्बर की दिशा में तेजी से प्रगति की है। अमेरिका लंबे समय से बी-2 स्पिरिट और अब बी-21 रेडर के जरिए दुनिया भर में पावर प्रोजेक्ट कर रहा है।
रूस का टीयू-160 ब्लैकजैक सबसे तेज
रूस का टीयू-160 ब्लैकजैक दुनिया का सबसे तेज और सबसे भारी सुपरसोनिक स्ट्रैटजिक बॉम्बर माना जाता है। इसकी मारक रेंज 12,300 किलोमीटर तक है। यह 40 टन तक हथियार ढो सकता है। भारतीय रक्षा विश्लेषकों और डीआरडीओ के इंजीनियर इसी तरह का बॉम्बर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसमें आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इस भारतीय बॉम्बर में भी वेरिएबल जियोमेट्री विंग्स यानी स्विंग विंग डिजाइन हो सकता है। जो टेकऑफ और उड़ान के दौरान पीछे खिसक जाते हैं। इससे फ्यूल एफिशिएंसी और स्पीड में जबरदस्त सुधार होता है।
डेवलपमेंट स्टेज में अमेरिका का बी-21
अमेरिका के बी-21 रेडर अभी डेवलपमेंट स्टेज में है। माना जा रहा है इसकी रेंज लगभग 9300 किमी हो सकती है। भारत का प्रस्तावित बॉम्बर इससे भी लंबी रेंज का हो सकता है। जिससे यह सीधे अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के किसी भी हिस्से में हमला कर सकेगा। इस बॉम्बर की सबसे खास बात यह होगी किक इसमें ब्रह्मोस-एनजी की एक साथ चार यूनिट फिट की जा सकती है। यह अपनी उड़ान वाली जगह से 450 किलोमीटर की दूरी तक सुपरसोनिक मिसाइलें लॉन्च कर दुश्मन के एयरबेस, राडार, कमांड सेंटर्स या न्यूक्लियर साइट्स को मिनटों में तबाह कर सकता है। इसके अलावा, इसमें अग्न 1 पी जैसे शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल, लेजर गाइडेड बम और एंटी-रेडिएशन मिसाइल्स भी शामिल की जा सकती हैं।