जहां सूरज की रोशनी नहीं पुहंचती वहां मिला सोने का गोला

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पुहंचती वहां अलास्का के समंदर में 3300 मीटर नीचे चौंकाने वाली वस्तु मिली है। यह एक गोल्डेन गोला है। इतनी गहराई में नई चीज को देखकर वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हैं। अमेरिकी वैज्ञानिक संस्था एनओएए ओशन एक्प्लोरेशन ने अलास्का के तट के पास समंदर के अंदर सोने का गोला खोजा। इस गोल्डेन गोले को तब खोजा गया जब रिमोटली आपरेटेड अंडरवाटर व्हीकल यानी आरओडब्ल्यू समुद्र में तैर रहा था। जब जहाज पर बैठे वैज्ञानिकों ने इसे देखा तो हैरान रह गए।  यह गोल्डेन गोला अपनी पथरीली सतह से बेहद मजबूती से जकड़ा हुआ था। इसे निकालने के लिए रोबोटिक व्हीकल ने पहले वैक्यूम आर्म आगे बढ़ाया। यह गोल्डेन गोला करीब 4 इंच लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई का है। ये थोड़ा चौकार है साथ ही इसके एक तरफ छेद भी है। वैज्ञानिक यह पता करने की कोशिश में लगे हैं कि ये गोल्डेन गोला आखिरकर क्या है। यह किसी रहस्यमयी प्रजाति का अंडे का कवर हो सकता है। यह कोई मृत स्पान्ज या फिर कोरल भी हो सकता है। गोल्डेन गोले में बने छेद से ये तो जाहिर है, इसमें या कुछ अंदर जाने का प्रयास कर रहा था। या फिर उसमें से बाहर आने की कोशिश कर रहा था। ये भी माना जा रहा है कि कोई रहस्यमयी जीव यहां विकसित हो रहा होगा, जो बीच में ही मारा गया। उसका कवर बचा रह गया। कोई ऐसी चीज जो इस गोल्डेन गोले के अंदर अंडे की तरह बैठ गई होगी। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसके भीतर कोई छोटा जीव नहीं बल्कि बड़ा जीव रहा होगा। बता दें कि यह गोला जब लैब में लाया गया, तब यह फूट चुका था। वैज्ञानिक इसे छूने के बाद और भी हैरान रह गए। छूने में यह मांसल लगा।  इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी आॅफ प्लाइमाउथ के डीप-सी इकोलॉजिस्ट केरी होवेल ने बताया कि यह एक अंडे के कवर जैसा दिख रहा है। जिसे पहले मैंने कभी नहीं देखा गया। अगर यह सच में अंडा है तो ये जानना जरूरी है कि किस जीव का है। ये किसी छोटी मछली या जीव का अंडा नहीं हो सकता। ये समंदर में जिस गहराई में मिला है, वहां कोई सामान्य समुद्री जीव नहीं रह सकता। साथ ही यहां सूरज की रोशनी नहीं जा पाती है। तापमान जमाने वाला रहता है। इतनी ठंड में किस तरह के जीव रहते हैं। इस पर लगातार अध्यन किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार यहां कई बार ऐसे विचित्र जीव सामने आए थे जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था।