गीजा के महान पिरामिड को लेकर बड़ा दावा, इसके नीचे छिपा है बड़ा शहर

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया भर में मशहूर गीजा के महान पिरामिड को लेकर बड़ा दावा किया जा रहा है। इसके नीचे एक रहस्यमयी और गुप्त शहर के छिपे होने का दावा किया जा रहा है। यह दावा उन शोधकर्ताओं ने किया है जिनको इस पिरामिड के नीचे कई संरचनाओं के संकेत मिले थे। उनका कहना है कि यहां ऐसा शहर था जो क्षुद्रग्रह के गिरने से खत्म हो गया  था।
पिरामिडों को लेकर कई तरह के शोध

मिस्र के पिरामिडों को लेकर कई तरह के शोध किए जा रहे हैं। इसके रहस्य को लेकर वैज्ञानिक भी कई प्रयोग कर चुके हैं। अब इस कड़ी शोधकर्ताओं ने इसके नीचे पुरातन शहर होने का बड़ा दावा किया है। दो वैज्ञानिकों ने खुलासा किया था कि उन्हें खाफ्रे के पिरामिड के नीचे बड़े कमरे और टॉवर मिले हैं। इसके अलावा उन्होने फिनिक्स पिरामिड के नीचे एक बड़ा गहरा और खड़ा रास्ता भी देखा है। उनका यह भी कहना है कि पूरी संभावना है कि पिरामिड के नीचे बहुत बड़ा शहर छिपा हुआ है।
स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी का शोध

यह शोध स्कॉटलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैथक्लाइड के फिलिपो बियोंदी और इटली के यूनिवर्सिटी ऑफ पिसा के कोरोडो मालांगा के नेतृत्व में हुआ। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शोध सैटेलाइट डेटा और रडार तकनीक का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने पुरातात्विक खोजों की दिशा बदल दी है। इन वैज्ञानिकों ने सिंथेटिक एपरचर रडार तकनीक का इस्तेमाल किया। इससे पिरामिड के नीचे आठ सिलेंडर आकार की कलाकृतियों का पता लगाया। इसके अलावा, उन्होंने 4,000 फीट नीचे अन्य अज्ञात संरचनाओं के संकेत भी पाए हैं। उनके अनुसार, इन संरचनाओं में कुछ कमरे जैसे भवन और एक सर्कोफैगस भी पाया गया है। जिसे पहले फराओ का मकबरा माना जाता था।
स्फिंक्स पिरामिड के नीचे हो सकता है शहर

वैज्ञानिकों को स्फिंक्स पिरामिड के नीचे जो भी मिला है, उसके बारे में जानकारी दी। उत्तर कैरोलीना में हुए कॉस्मिक सम्मेलन में उन्होंने अपने किए गए स्कैन के नतीजों में जिक्र किया। शोधकर्ताओं कहना है कि ग़ीजा के पठार में एक बहुत बड़ा भूमिगत परिसर छिपा हुआ है। उनका मानना है कि यह संकेत है कि जमीन के नीचे एक बहुत ही बड़ा शहर था। उनकी पड़ताल के अनुसार एक सर्पिल आकार की सीढ़ियां स्फिंक्स के आधार के केंद्र से नीचे की ओर जा रही हैं। जिसमें दो वर्गाकार संरचना हैं। इनमे से एक 2 हजार वर्ग फुट और दूसरी 4 हजार वर्ग फुट की है। सीढ़ियां इन्हीं कमरों तक जाती हैं और पिरामिड के नीचे बेलनाकार वाली 8 संरचनाएं हैं। गीज़ा के पिरामिडों के बारे में कहा जाता है कि वे केवल 4500 साल पहले बने थे। अगर इसके नीचे शहर की पुष्टि हो जाती है तो मिस्र का पूरा इतिहास ही बदल सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि 12 हजार साल पहले एक क्षुद्रग्रह के टकाराव के कारण आई बाढ़ के बाद पूरा शहर साफ हो गया था।  मिस्र के पिरामिडों की रहस्यमय संरचनाओं को लेकर बहस अब तेज हो गई है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह क्षेत्र प्राचीन सभ्यताओं के लिए बहुत खास था। संभव है कि पिरामिडों के नीचे कुछ और अनजानी चीज़ें छिपी हों। अब देखना यह है कि भविष्य में इस शोध को लेकर और क्या खोजें सामने आती हैं और क्या इस क्षेत्र में और गहराई से शोध किया जाएगा। फिलहाल, वैज्ञानिक और पुरातत्वज्ञ इस पर अपने-अपने दावे कर रहे हैं, और इस रहस्य को सुलझाने की कोशिशें कर रहे हैं।