जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। जिस मुलाकात पर दुनिया की नजरें टिकी हुई थी वह बैठक लगभग बेनतीजा रही। अलास्का के एंकोरेज में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की आमने-सामने मुलाक़ात करीब तीन घंटे चली। बैठक में न तो रूस-यूक्रेन युद्धविराम पर कोई सहमति बनी और न ही कोई ठोस समझौता हो सका। वहीं इस मुलाकात से भारत और अमेरिका के रिश्तों में फिर गर्माहट आने की उम्मीद जगी है।
तीन घंटे चली अहम बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई अहम बैठक करीब तीन घंटे चली। इस हाई-प्रोफाइल समिट पर पूरी दुनिया की नजर थी। ऐसा इसिलए था क्योंकि इसका असर यूक्रेन युद्ध और यूरोप की सुरक्षा स्थिति पर पड़ सकता है। यह पहली बार था जब दोनों नेता 2019 के बाद आमने-सामने मिले। दोनों नेताओं के साथ उनकी हाई-लेवल टीम भी मौजूद थी। बैठक के समय शांति की खोज के बैनर लगाए गए थे। बैठक से पहले ट्रंप ने कहा था कि उनका लक्ष्य युद्ध को तुरंत रोकना और पुतिन से यह वादा लेना है कि वे जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मिलेंगे। यह बात अलग है कि दोनों नेताओं में फिलहाल सीजफायर पर किसी तरह की सहमति नहीं बनी। वहीं पुतिन ने ट्रंप को रूस आने का न्यौता दे दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच जल्द मुलाकात होगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने जारी किया बयान
मीटिंग को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माना कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन बड़े मुद्दे अब भी बाकी हैं। उन्होंने कहा कि कई बिंदुओं पर सहमति बनी है। कुछ बिंदु बचे हुए हैं। एक मुद्दा सबसे अहम है लेकिन मैं अभी उसे नहीं बताऊंगा। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बात करेंगे। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पुतिन से अगली मुलाकात शायद मॉस्को में हो सकती है। दूसरी ओर बैठक के बारे में सी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वे युद्ध खत्म करने के लिए ईमानदारी से इच्छुक हैं,। सबसे पहले संघर्ष के मुख्य कारणों को सुलझाना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन और यूरोप बातचीत को हल्के में न लें। पुतिन ने ट्रंप के साथ रिश्ते को बिजनेस-लाइक बताया। उन्होंने दोहराया कि अगर ट्रंप 2020 के बाद राष्ट्रपति रहते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता। प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में पुतिन ने अंग्रेजी में ट्रंप को मॉस्को आने का न्योता दिया। ट्रंप ने कहा यह दिलचस्प है लेकिन मास्को जाने पर उन्हें आलोचना झेलनी पड़ सकती है।
जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में की बड़ी बात
ट्रंप ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा किफिलहाल उन्हें रूस पर और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं लगती। बैठक अच्छी रही है। दो-तीन हफ्तों में हालात देखकर वे इस पर दोबारा विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने यह भी दावा किया है कि उनकी टैरिफ नीति की वजह से भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। इससे रूस ने अपने तेल का एक बड़ा ग्राहक खो दिया है। भारत रूस के साथ करीब 40 प्रतिशत तेल व्यापार कर रहा था। अगर वे अभी सेकेंडरी सैंक्शन लगाते हैं तो यह बेहद विनाशकारी साबित होगा। इस बैठक के राजनीतिक और कूटनीतिक संकेत भारत के लिए भी अहम हैं, क्योंकि बातचीत से पहले ट्रंप ने भारत के रूस से तेल आयात को निशाना बनाते हुए बयान दिया था। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह दबाव भारत के ज़रिए रूस को संदेश देने की ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है। यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप ने कहा कि अब यह राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की पर निर्भर करता है कि वह समझौते की दिशा में क्या कदम उठाते हैं। ट्रंप ने कहा कि कोई सौदा तब तक नहीं होता जब तक पूरा सौदा न हो। ट्रंप ने कहा कि पुतिन अब लोगों को मरते देखना नहीं चाहते और बस कुछ ही बिंदु हल होने बाकी हैं। उन्होंने संकेत दिया कि वे पुतिन से जल्द दोबारा मिल सकते हैं।