भारत की धरती पर पहली बार दिखी अद्भुत खगोलीय घटना

नई दिल्ली।  भारत की धरती पर पहली बार खुले आसमान में एक दुर्लभ और अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिला है। आमतौर पर आर्कटिक देशों में दिखने वाली ‘नॉर्दर्न लाइट्स’ भारत में दिखाई दी है। इस झिलमिलाती रंग-बिरंगी रोशनी ने न सिर्फ वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खींचा, बल्कि हर किसी को चौंका दिया है।

 

भारत के लद्दाख में धरती की सबसे अजीबोगरीब घटना देखने को मिली है। वैज्ञानिकों ने लद्दाख के ऊपर दूर हिमालय के आसमान में एक अनोखा और रहस्यमयी खगोलीय नजारा रिकॉर्ड किया है, जिसे  ऑरोरा कहते हैं। आमतौर पर ऐसे  ऑरोरा सिर्फ ध्रुवों पर ही दिखाई देते हैं लेकिन लद्दाख में इनका देखा जाना काफी हैरान करने वाला है। यह नजारा न सिर्फ देखने में अद्वितीय था, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

रिकॉर्ड तोड़ सौर तूफान आया



दरअसल, इस ‘नॉर्दर्न लाइट्स’ को पिछले साल मई में ही रिकॉर्ड किया गया था। इस घटना के एक साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने उस वजह का खुलासा किया, जिससे यह दुर्लभ नजारा देखने को मिला था। वैज्ञानिकों के अनुसार, उस समय सूरज के लगातार 6 बड़े कोरोनल मास इजेक्शन से रिकॉर्ड तोड़ सौर तूफान आया था। जिसकी वजह से ऑरोरा बना था। जो पिछले 2 दशकों में देखी गई किसी भी इस तरह की घटना से बिल्कुल भिन्न था।

स्पेस ऑब्जर्वेटरी से मिला डाटा



खगोल भौतिकी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ.वागीश मिश्रा के अनुसार, आपस में जुड़े 6 कोरोनल मास इजेक्शन का ये अनोखा क्रम था, जो सोलर फ्लेयर्स से जुड़ा हुआ था। शोध के लिए वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा चलाए जा रहे स्पेस  ऑब्जर्वेटरी से मिले डाटा का इस्तेमाल  किया। साथ ही एक ऐसा खास मॉडल तैयार किया जिसमें ‘नॉर्दर्न लाइट्स’ के विषय में जानने में मदद मिली। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस पूरे अध्ययन को एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

जुड़वां चुंबकीय संरचनाएं दिखीं



‘नॉर्दर्न लाइट्स’ को लेकर किए गए शोध पर भारतीय वैज्ञानिक हैरान है। शोध में उन्होंने पाया कि शुरू में कोरोनल मास इजेक्शन ने भारी गर्मी छोड़ी। लेकिन धीरे-धीरे उसने गर्मी को सोखना और बनाए रखना शुरू कर दिया। इस दौरान वैज्ञानिकों को सौर बादल में जुड़वां चुंबकीय संरचनाएं जैसी अजीब चीज दिखाई दी। जिसने एक दूसरे पर ऐसा असर डाला कि लद्दाख में खूबसूरत  ऑरोरा  जैसी रोशनी पैदा हुई। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तो यह मौसमों के पूर्वानुमान के विषय में जानने की शुरुआत है। भारत का आदित्य एल-1 मिशन शुरू हो चुका है। जिसके डाटा का इस्तेमाल कर शोध के मॉडल को और बेहतर बनाया जाएगा।