अरबों साल बाद कैसी होगी हमारी धरती, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

नई दिल्ली। हम जिस धरती पर रह रहे हैं, अपना जीवन यापन कर रहे हैं यह अरबों साल बाद कैसी होगी, क्या आपने इसके बारे में कभी सोचा। शायद नहीं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो अरबों साल बाद की धरती की तरह है। उनका दावा है कि धरती कुछ इसी ग्रह की तरह नजर आएगी। वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो भविष्य की धरती की झलक दिखाता है। इस ग्रह का द्रव्यमान धरती से करीब 1.9 गुना ज्यादा है। यह सूर्य से पृथ्वी की दूरी से दोगुनी दूरी पर अपने तारे की परिक्रमा कर रहा है। यह तारा एक सफेद बौना है, जिसका मतलब है कि हमारे सौरमंडल से बाहर इस एक्सोप्लैनेट पर जीवन रहा होगा, जो शायद इस तारे के लाल दानव में तब्दील होने से पहले नष्ट हो गया होगा। लाल दानव एक ऐसा तारा होता है जो अपने शिखर से आगे निकलकर हाइड्रोजन की आपूर्ति को खत्म कर चुका होता है। नेचर एस्ट्रोनॉमी में छपी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि आज से करीब पांच अरब साल बाद, सूर्य के भीतर का हाइड्रोजन खत्म हो जाएगा। इसके बाद सूर्य फैलना शुरू करेगा और नजदीकी ग्रहों को अपनी चपेट में ले लेगा। संभव है पृथ्वी भी उसकी चपेट में आ जाए। जैसे-जैसे सूर्य फैलता जाएगा वह ठंडा होता जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, करीब एक अरब साल बाद, बाहरी परतें अंतरिक्ष में विलीन हो जाएंगी और इसका केंद्र एक सफेद बौना तारा पीछे रह जाएगा। तब पृथ्वी कैसी नजर आएगी, वैज्ञानिकों ने नए शोध में उसी की झलक दिखाई है। वैज्ञानिकों ने जिस नए ग्रह की खोज की है उसका नाम ‘केएमटी-2020 बीएलजी-0414’ रखा है। इस बाहरी ग्रह के तारे की तरह ही एक दिन हमारा सूर्य भी सफेद बौने तारे में बदल जाएगा। वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि एक अरब वर्ष में पृथ्वी पर मौजूद जीवन नष्ट हो जाएगा। पृथ्वी के विनाश को देखने के लिए कोई जीवित नहीं बचेगा। सूर्य के केंद्र में कम्प्रेशन से सूर्य की बाहरी परतों का बड़े पैमाने पर विस्तार होगा। जो इतना अधिक होगा कि यह बुध, शुक्र और शायद पृथ्वी को पूरी तरह से ढक लेगा।  वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर पृथ्वी सूर्य के विस्तार में नहीं फंसी, तो यह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में आज की तुलना में लगभग दोगुनी दूरी पर होगी। सूर्य के सफेद बौने चरण के दौरान पृथ्वी कैसी होगी, इस पर वैज्ञानिकों की राय अलग-अलग है। शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख, केमिंग झांग के अनुसार, हमारे वैज्ञानिकों के बीच इस बात पर अभी सहमति नहीं बनी है कि पृथ्वी 6 अरब वर्षों में सूर्य द्वारा निगले जाने से बच सकेगी या नहीं। लेकिन, नए शोध में भविष्य की धरती के भाग्य की झलक जरूर दिखाईदेती है।