जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। महाविनाशक अंतरिक्ष चट्टान यानी एस्टेरॉयड पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। अगर यह धरती से टकराया तो खौफनाक सैलाब आएगा। यह धरती से जगह टकराएगा वहां 5 किलोमीटर गहरा गड्ढा बन जाएगा। इतना ही नहीं 1312 फीट ऊंची सुनामी की लहरें आएंगी। वैज्ञानिक इसे तबाही का देवता बता रहे हैं।
एस्टेरॉयड अपोफिस को लेकर अध्ययन
एस्टेरॉयड अपोफिस को लेकर नए अध्ययन ने चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों ने पहले इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना को खारिज किया था। वही अब नई स्टडी से ऐसी स्थिति का पता लगा है जो पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। वैज्ञाानिकों के अनुसार 2029 में यह पृथ्वी के बेहद करीब पहुंचेगा। उसके बाद धरती से टकरा जाएगा। इसके धरती से टकराते ही चारो ओर तबाही का मंजर दिखाई देगा। जिस देश में यह धरती से टकराएगा वहां 5 किलोमीटर गहरा गड्ढा बन जाएगा। इसके धरती से टकराते ही समुद्र में कंपन होने लगेगा। इसके बाद 1312 फीट ऊंची सुनामी की लहरें उठने लगेंगी। चारो ओर बस पानी ही पानी नजर आने लगेगा। ऐसे में तबाही के देवता के नाम से मशहूर विशाल एस्टेरॉयड 99942 अपोफिस पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है।
वैज्ञानिकों की बढ़ा दी चिंता
एस्टेरॉयड को लेकर नए अध्ययन से पता चलता है कि यह पृथ्वी से टकराने की तरफ बढ़ रहा है, जिसने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि वैज्ञानिकों ने पहले इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना को खारिज किया था, लेकिन कनाडा के खगोलविद पॉल वीगर्ट ने नई स्थिति के बारे में पता लगाया है जो हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रही है। कनाडाई विशेषज्ञ पॉल वीगर्ट अपने शोध बताया कि यह क्षुद्रग्रह 13 अप्रैल 2029 में पृथ्वी के करीब आएगा। बता दें कि 99942 अपोफिस करीब 1100 फीट व्यास यानी 335 मीटर का एस्टेरॉयड है। किट पीक नेशनल आॅब्जर्वेटरी के खगोलविदों ने इसे पहली बार 2004 में खोजा था। इसे पृथ्वी के करीब सबसे खतरनाक निकटवर्ती पिंडों में से एक माना गया है। इसने संभावित टकराव की आशंका को बढ़ा दिया है। द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि क्षुद्रग्रह से टकराने वाली एक छोटी वस्तु भी नाटकीय रूप से इसकी स्थिति और दिशा में बदलाव कर देगी।
पृथ्वी पर टकराने से आएगी तबाही
अगर अपोफिस पृथ्वी से टकराता है, तो 1,00,000 मेगाटन ऊर्जा पैदा होगी। यानी यह सबसे बड़े थर्मोन्यूक्लियर परीक्षण से निकली उर्जा के बराबर होगी। यह पूरे इलाके के शहरों को तहस-नहस कर देगा। घटना की जगह के पास लगभग सौ किलोमीटर के दायरे में स्थित इमारतों को भारी नुकसान होगा। यानी 100 किलोटर तक की इमारतें मलबे में बदल जाएगी। जिस गति से गड्ढा बनेगा, उससे सतह पर भारी मात्रा में गर्मी पैदा होगी। इससे इलाके में एक बड़ा भूकंप भी आएगा। राहत वाली बात यह है कि यह स्थानीय क्षेत्र तक ही सीमित रहेगा। अगर अपोफिस किसी आबादी वाले इलाके से टकराता है, तो इससे लोगों की जानें और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान होगा।
छोटी वस्तु बदल देगी दिशा
अध्ययन के लेखक पॉल वीगर्ट ने अपोफिस से टकराने वाले किसी अन्य क्षुद्रग्रह की संभावनाओं की भी जांच की। उनके निष्कर्षों के अनुसार, 3.4 मीटर की एक छोटी वस्तु अगर 510 मीटर प्रति सेकंड से अपोफिस से टकराती है, तो यह एस्टेरॉयड की हमारे ग्रह से टक्कर का कारण बन सकती है। दूसरी ओर अमेररिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि ऐसी घटना होने और क्षुद्रग्रह के पृथ्वी की ओर जाने के मार्ग को बदलने की संभावना कम है। दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां इस पर नजर रख रही हैं।