जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा फैसला, जीएसटी की अब होगी केवल दो दरें

जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्रालय ने देश की जनता को नवरात्रि और दिवाली का गिफ्ट दिया है। परिषद ने गहन मंथन के बाद आईपीएल जैसे खेल आयोजनों के टिकट, तंबाकू-सिगरेट जैसे उत्पाद और बीमा पर कर की दरों में बदलाव जैसे अहम फैसले लिए। फैसले के अनुसार देश में अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब रहेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं क्या सस्ता होगा और क्या महंगा।

3 सितंबर की देर रात घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 3 सितंबर की देर रात वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी पर की गई घोषणाओं से शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया। शुरूआती कारोबार में सेंसेक्स 888 अंक उछलकर 81,456 पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 265 अंक बढ़कर 24,980 पर आ गया। ऐसे ही शुरूआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे बढ़कर 87 रुपये 85 पैसे पर खुला। जानकारों ने इस ऐतिहासिक जीएसटी सुधार को उम्मीद से बेहतर बताया। उनके अनुसार इससे कई क्षेत्रों को लाभ होगा।

अप्रत्यक्ष करों की दरों में ऐतिहासिक सुधार 

जीएसटी काउंसिल ने अप्रत्यक्ष करों की दरों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दी है। काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों, 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी। पनीर, छेना, टेट्रापैक दूध, रोटी, चपाती परांठा, खाकरा जैसी आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई है। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है।

नई दरें 22 सितंबर से होंगी लागू 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। इस फैसले से 175 से अधिक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। बता दें कि वर्तमान में जीएसटी की चार दरें 5, 12, 18 और 28 फीसदी हैं। वित्तमंत्री ने बताया कि ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं। आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले हर कर की कड़ी समीक्षा की और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी हुई है। किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र को भी इससे लाभ होगा। दरों का यह सरलीकरण अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार पहल का हिस्सा है।

5 प्रतिशत की जीएसटी वाली वस्तुएं

महंगे और सस्ते की बात करें तो रोजमर्रा के सामानों में साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, पर अब 5 प्रतिशत लगेगा। इसी तरह घी, मक्खन  पर 12 प्रतिशत के बजाए 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। वहीं
नूडल्स और नमकीन  पर 12 प्रतिशत के बजाए अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। बर्तनों पर भी 12 प्रतिशत के बजाए अब 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा। बच्चों की बोतलें, नैपकिन और डायपर पर पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। सिलाई मशीन को भी 5 प्रतिशत स्लैब में शामिल किया गया है।
कृषि से जुड़े सामानों पर भी बड़ी राहत 

 


कृषि से जुड़े सामानों पर भी बड़ी राहत मिली है। ट्रैक्टर टायर पर 18 प्रतिशत के बजाए अब 5 प्रतिशत ही जीएसटी चुकाना होगा। इसी तरह ट्रैक्टर पर 12 के बजाए अब 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। वहीं सिंचाई की मशीन, कृषि मशीनरी को 5 प्रतिशत के स्लैब में शामिल किया गया है। वहीं नई दरों में आम किट, मैप, चार्ट, ग्लोब पर अब 0 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। पेंसिल, क्रेयॉन और एक्सरसाइज बुक को जीएसटी से बाहर यानी शून्य रखा गया है।

छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर राहत

नए स्लैब के अनुसार छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर 28 के बजाए अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसी तरह एयर कंडीशनर, टीवी, वॉशिंग मशीन   आदमी को बड़ी राहत दी गई है। जैसे इसमें हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत के बजाए  जीएसटी नहीं देना होगा। इसी तरह थमार्मीटर, आॅक्सीजन सिलेंडर, डायग्नोस्टिकइसी स्लैब में आएंगी। वहीं 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिल, पान मसाला, तंबाकू, गुटखा, बीड़ी आदि पर 40 फीसदी जीएसटी

चुकाना होगा। चीनी या मीठा पदार्थ मिलाए हुए वातित जल, सुगंधित पेय पदार्थ और कैफीनयुक्त पेय पदार्थ पर भी 40 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा। पेट्रोल के लिए 1200 सीसी और डीजल के लिए 1500 सीसी से बड़ी सभी कारें, निजी उपयोग के लिए विमान, हेलीकॉप्टर, मनोरंजन या खेल के लिए नौकाएं और अन्य जहाज पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।